मीराजापुर,
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के द्वारा बृहस्पतिवार को मुख्य अभियंता कार्यालय मिर्जापुर के प्रांगण से जनजागरण अभियान की शुरुआत की जो उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों में जारी रहेगा।
कार्यक्रम के दौरान जनपद मिर्जापुर के विद्युत कर्मचारियों में। भारी गर्मजोशी दिखाई दिया।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रदेश स्तर के नेताओं ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि ऊर्जा निगमों के समस्त बिजली कर्मचारी 29 नवम्बर से प्रदेशभर में करेंगे पूर्ण कार्य बहिष्कार।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप की 27 अक्टूबर 2022 को लखनऊ में हुई बैठक में लिए गये निर्णय के अनुसार संघर्ष समिति ने 29 नवम्बर 2022 से समस्त ऊर्जा निगमों में अनिश्चितकालीन कार्य
बहिष्कार करने की नोटिस आज प्रबन्धन को भेज दी है। नोटिस में लिखा गया है कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के स्वेच्छाचारी रवैये के कारण ऊर्जा निगमों को हो रही आर्थिक क्षति एवं ऊर्जा निगमों में व्याप्त भय के वातावरण को समाप्त कराने हेतु एवं बिजली कर्मियों की वर्षों से लम्बित न्यायोचित समस्याओ के समाधान हेतु बार-बार अनुरोध किये जाने के बावजूद कुछ भी सार्थक कार्यवाही न होने के कारण संघर्ष समिति ने सरकार व प्रबन्धन के ध्यानाकर्षण हेतु आन्दोलन का निर्णय लिया है।
29 नवम्बर 2022 से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ करने से पहले संघर्ष समिति के सभी घटक श्रम संघों / सेवा संगठनों की केन्द्रीय कार्यकारिणी के समस्त पदाधिकारी व सदस्य 11 नवम्बर 2022 को लखनऊ में शक्ति भवन मुख्यालय पर प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक शान्तिपूर्वक सामूहिक सत्याग्रह व विरोध प्रदर्शन करेंगे। 18 नवम्बर को राजधानी लखनऊ सहित समस्त जनपदों व परियोजनाओं पर अपराह्न 3:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक विरोध सभायें की जायेंगी 103 नवम्बर से 28 नवम्बर तक प्रदेश भर में प्रेस कॉन्फ्रेंस व सभाओं के माध्यम से व्यापक जनजागरण अभियान चलाया जायेगा।
बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं की मुख्य मांगों में ऊर्जा निगमों के सुचारू संचालन हेतु चैयरमैन, प्रबन्धन निदेशकों व निदेशकों के पदों पर चयन निर्धारित प्रक्रिया के अन्तर्गत किया जाये, सभी बिजली कर्मियों को पूर्व की भांति 09 वर्ष, कुल 14 वर्ष एवं कुल 19 वर्ष की सेवा के उपरान्त 03 पदोन्नत पदों के समयबद्ध वेतनमान दिये जायें, सभी बिजली कर्मियों को कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की जाये ट्रांसफार्मर वर्कशॉप के निजीकरण के आदेश वापस लिए जायें तथा 765/400/220 केवी विद्युत उपकेन्द्रों को आउटसोर्सिग के माध्यम से चलाने का निर्णय रद्द किया जाये, पारेषण में जारी निजीकरण प्रक्रिया निरस्त की जाये, आगरा फ्रेंचाईजी व ग्रेटर नोएडा का निजीकरण रद्द किया जाये, ऊर्जा कर्मियों की सुरक्षा हेतु पावर सेक्टर इम्प्लॉइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाये, सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लि का गठन किया जाये, केन्द्र के सार्वजनिक उपक्रमों की तरह प्रदेश के ऊर्जा निगमों में भतों का पुनरीक्षण किया जाये, रियायती बिजली की सुविधा पूर्ववत जारी रखी जाये, बिजली कर्मियों को कई वर्षों से लम्बित बोनस का भुगतान किया जाये, अन्य प्रान्तों की तरह समस्त संविदा कर्मियों को नियमित किया जाये तथा भ्रष्टाचार एवं फिजूलखर्ची रोकने हेतु लगभग 25 हजार करोड़ के मीटर खरीद के आदेश रद्द किये जायें व कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां दूर की जायें। आज की बैठक का संचालन इं० सुमित कुमार यादव, इ० अभय सिंह द्वारा किया गया बैठक मुख्य रूप से :
जीतेन्द्र सिंह गुर्जर, महासचिव अभियन्ता संघ, अंकुर भारद्वाज, प्रचार सचिव अभियन्ता संघ, सुहेल आबिद, महामंत्री उ०प्र० बिजली मजदूर संगठन, पी०के० दीक्षित, प्रमुख महामंत्री हाइड्रो इलेक्ट्रिक यूनियन, सनाल्लाह खान, अतिरिक्त महामंत्री विद्युत मजदूर पंचायत, चन्द्र भूषण उपाध्याय, अध्यक्ष प्राविधिक कर्मचारी संघ, इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय स्तर पर इं० राजेश प्रजापति, दीपक सिंह, ए0के0 सिंह, सुमित यादव, धीरेन्द्र कौशल, विनीत मिश्रा, राहुल सुन्दरम, अभय सिंह, अनुराग अग्रवाल, अनिल केशरी, विनीत सिंह, विनोदा चौधरी, राजेश गौतम, प्रदीप कुमार मौर्या, राम जनम यादव, सुरेन्द्र मौर्या, लखन कुमार, अभिशेक सिंह शिव शंकर सिंह इत्याि लोग उपस्थित रहें।