वीरेंद्र गुप्ता मिर्जापुर
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पत्र का मुख्यमंत्री कार्यालय ने लिया संज्ञान
जनपदवासियों को रेलवे लाइन पर निर्मित अंडरपास में जलभराव से जल्द मिलेगी मुक्ति
अनुप्रिया पटेल ने डेढ़ महीने पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा था पत्र
मीरजापुर, 22 अगस्त
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद अनुप्रिया पटेल द्वारा जनपद के रेल मार्ग पर निर्मित अंडरपास में जलभराव की समस्या के निदान के लिए उठाए गए मुद्दे को मुख्यमंत्री कार्यालय ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर जनपद में रेलवे लाइन पर आवागमन हेतु निर्मित अंडरपास में जलभराव की समस्या दूर करने हेतु मीरजापुर पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता (वृत्त) ने मीरजापुर के पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय अभियंता को पत्र लिखकर तत्काल ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि रेलवे विभाग और सेतु निगम से संपर्क कर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही तत्काल कराते हुए कृत कार्यवाही की आख्या से अवगत कराना सुनिश्चित करें।
बता दें कि डेढ महीने पहले जनपद की सांसद अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर जनपद में प्रयागराज-पं.दीन दयाल उपाध्याय जक्शन एवं चुनार-चोपन रेल मार्ग पर निर्मित अंडरपास में जल भराव की समस्या के निदान के लिए अनुरोध किया था। उन्होंने रेलवे लाइन पर निर्मित अंडरपास में जल भराव की समस्या के तत्कालिक निदान एवं स्थायी निदान के लिए संबंधित संस्था लोक निर्माण विभाग एवं मीरजापुर नगरपालिक परिषद को निर्देशित करने का अनुरोध किया था।
श्रीमती पटेल ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री को सूचित किया था कि कुछ स्थलों पर जल भराव की वजह से स्थानीय लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषकर अति घनी आबादी वाले क्षेत्र मीरजापुर शहर से लेकर ऊंचाडीह रेलवे स्टेशन के बीच बने अंडर पास (नटवा पुल, रेहड़ा पुल, पटेगरा पुल, बिसहड़ा पुल, पाली पुल ) में जल भराव की वजह से जनजीवन अस्त – व्यस्त हो जा रहा है।
श्रीमती पटेल ने कहा था कि विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी के दर्शनार्थियों के लिए मंदिर आवागमन का मार्ग भी इन्हीं पुलों से होकर गुजरता है। अत: जल भराव की वजह से दर्शनार्थियों को मां विंध्यवासिनी का बिना दर्शन के लौटने को बाध्य होना पड़ रहा है। जलभराव होने से जनता रेलवे लाइन पार करने को मजबूर होती है, जिससे दुर्घटना होने की आशंका तो बनी ही रहती है। साथ ही साथ जल भराव के कारण कानून व्यवस्था की भी समस्या उठती रहती है।