समाचारअपने हक के अनाज के लिए दर्जनभर विधाएं जब पहुंची डीएसओ कार्यालय-MIRZAPUR

अपने हक के अनाज के लिए दर्जनभर विधाएं जब पहुंची डीएसओ कार्यालय-MIRZAPUR

अपने हिस्से के अनाज को पाने के लिए जब विधवाएं सड़क पर उतर जाएं तो सार्वजनिक वितरण प्रणाली की स्थिति कितनी भयावह है इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है। मिर्जापुर जिला कलेक्ट्रेट में कुछ ग्रामीण (ग्राम बिहारी )जिसमें ज्यादा संख्या में ऐसी महिलाएं थी जिनके पति की मृत्यु हो चुकी थी ,अवस्था भी वृद्ध हो चुकी थी ,सरकारी अनाज पर आश्रित यह वृद्ध विधवावो के हक के अनाज पर सेंध लगाने की चेष्टा जिन लोगों के द्वारा किया जा रहा है उसको पर्दाफाश और सुसंगत धाराओं में मुकदमा कायम करने के बदले दबाव पर काम करने का आरोप लगाया गया है। विभाग के सारे दावे उस वक्त खोखले नजर आने लगे जब यह महिलाएं और पुरुष अपने हक के अनाज पाने के लिए तरसते नजर ही नहीं आए ,बल्कि कोसों दूर चल कर अपनी जमापूंजी व भाड़ा खर्च कर कर जिला पूर्ति अधिकारी के यहां पहुंचे । इसके उपरांत भी कोई सुनवाई हो पाएगी कि नहीं इस विषय पर संबंधित अधिकारी से 10 दिन से लगातार प्रयास किए जाने के बाद भी अधिकारी के द्वारा समय न दिए जाने से आरोप और मजबूत होना स्वभाविक होता जा रहा है ।देखना होगा यदि इन ग्रामीणों का आरोप सही है तो इसके ऊपर कारवाई किस स्तर से की जाएगी महत्वपूर्ण होगा।अपने हिस्से के अनाज को पाने के लिए जब विधवाएं सड़क पर उतर जाएं तो सार्वजनिक वितरण प्रणाली की स्थिति कितनी भयावह है इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है। मिर्जापुर जिला कलेक्ट्रेट में कुछ ग्रामीण जिसमें ज्यादा संख्या में ऐसी महिलाएं थी जिनके पति की मृत्यु हो चुकी थी ,अवस्था भी वृद्ध हो चुकी थी ,सरकारी अनाज पर आश्रित यह वृद्ध विधवावो के हक के अनाज पर सेंध लगाने की चेष्टा जिन लोगों के द्वारा किया जा रहा है उसको पर्दाफाश और सुसंगत धाराओं में मुकदमा कायम करने के बदले दबाव पर काम करने का आरोप लगाया गया है। विभाग के सारे दावे उस वक्त खोखले नजर आने लगे जब यह महिलाएं और पुरुष अपने हक के अनाज पाने के लिए तरसते नजर ही नहीं आए ,बल्कि कोसों दूर चल कर अपनी जमापूंजी व भाड़ा खर्च कर कर जिला पूर्ति अधिकारी के यहां पहुंचे । इसके उपरांत भी कोई सुनवाई हो पाएगी कि नहीं इस विषय पर संबंधित अधिकारी से 10 दिन से लगातार प्रयास किए जाने के बाद भी अधिकारी के द्वारा समय न दिए जाने से आरोप और मजबूत होना स्वभाविक होता जा रहा है ।देखना होगा यदि इन ग्रामीणों का आरोप सही है तो इसके ऊपर कारवाई किस स्तर से की जाएगी महत्वपूर्ण होगा।

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