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अफगानिस्तान और तालिबान के मसले पर हिंदुस्तान की नीति सबसे बेहतर – मौलाना नजम अली



मिर्जापुर

तालिबान के द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिए जाने के बाद जनपद मिर्जापुर में भी उपरोक्त घटना की चर्चा सरे शाम हो रही है। प्रधानाचार्य मौलाना नजम अली ने कहां की तालिबान और अफगानिस्तान के बीच युद्ध बहुत अफसोस जनक है। चिंताजनक है ।इससे हमारे कई भाइयों की मौत हुई है ।तालिबान के द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा किए जाने की घटना की निंदा करते हुए मौलाना नजम अली ने कहा कि जिस तरीके से लोग वहां जान बचाकर दूसरे मुल्क जाना चाहते हैं रोंगटे खड़े करने वाले दृश्य हैं। आज तक के मानव इतिहास में कभी भी हवाई यात्रा के दौरान हवाई जहाज के बाहर लटककर यात्रा करने की कल्पना भी कोई नहीं कर सकता था और काबुल के हवाई अड्डा पर लोगों ने हवाई जहाज के बाहर यात्रा करके दहशत भरे माहौल को सार्वजनिक किया है ।इस संपूर्ण घटनाक्रम पर मौलाना नजम अली ने कहा कि हम सब हिंदुस्तानी हैं हमारे रगों में हिंदुस्तान का खून दौड़ रहा है भारत सरकार की नीतियों का हम समर्थन करते हैं भारत सरकार के द्वारा अफगानिस्तान और तालिबान के मामले में जो भी निर्णय लिया जाएगा हम सब उनके निर्णय की न सिर्फ सराहना करते हैं बल्कि उनका समर्थन भी करते हैं।
मौलाना नजम अली के बयान के बाद संपूर्ण हिंदुस्तान की एकता और अखंडता का बेहतर नमूना जनपद मिर्जापुर में देखने को मिला। बता दें कि अमेरिका तालिबान को आतंकवादी संगठन के रूप में घोषित कर चुका है।
मौलाना नजम अली ने कहा कि जो भी हालात वहां पर हैं यह पूरी दुनिया के लिए अफसोस जनक है चिंताजनक हालात है। नजम अली ने कहा कि तालिबान की हुकूमत अफगानिस्तान में 20 साल पहले थी। अमेरिका के मदद से तालिबान की हुकूमत को उखाड़ फेंक दिया गया था। भले ही वहां अफगानिस्तान की हुकूमत थी लेकिन एक तरीके से अमेरिका का ही वर्चस्व था। जो अमेरिका चाहती थी जो अमेरिका कहती थी वही सब वहां होता था। आज तालिबान ने जो कब्जा किया है निसंदेह उसमें वहां की आवाम के मदद के बिना तालिबान को सफलता ना मिलती।

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