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आदिवासी समुदाय की बेटियों से रक्षा सूत्र बंधवाकर त्योहार को दिया बुलंद आयाम

जनपद मिर्जापुर के कोन ब्लॉक निवासी समाजसेविका ज्योति श्रीवास्तव उनके पति अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव दोनों पुत्र रुद्रा और वीर ने आज रक्षाबंधन के पर्व को मुसहरों(वनवासियों) की बस्ती में जाकर मनाया ।

आशीष श्रीवास्तव और ज्योति श्रीवास्तव अधिवक्ता दंपति के पुत्रों ने आदिवासी मुसहर बस्ती में गरीब कन्याओं से राखी बंधवाकर उनकी आर्थिक सामाजिक विकास और पारिवारिक संरक्षण का वादा निभाते हुए रक्षाबंधन के पर्व के वास्तविक उद्देश्य की पूर्ति करते दिखाई दिए ।
आज सुबह पारंपरिक रक्षाबंधन के वेशभूषा से सुसज्जित उपरोक्त अधिवक्ता परिवार जनों के द्वारा मुसहर बस्ती में रह रहे लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने और उनके साथ खड़े रहने का संदेश देते हुए गरीब कन्याओं से रक्षाबंधन के दिन अपने दोनों बेटों को राखी बंधवाते हुए नए कपड़े मिठाइयां और नगद राशि जिस
तरीके से एक भाई अपनी बहन को उपहार देता है उसी तर्ज पर समाजसेविका ज्योति श्रीवास्तव के दोनों पुत्रों ने रुद्रा और वीर ने रक्षाबंधन का त्यौहार धूमधाम से गरीब आदिवासियों के बीच मनाया। ।उपरोक्त परिवार के द्वारा आदिवासी बस्ती में जाकर त्योहार मनाए जाने से आसपास के लोगों में भी नई ऊर्जा नई क्रांति और नया सोच देखने को मिला स्थानी लोगों के मुताबिक वास्तविक त्यौहार का यही मकसद है आसपास रह रहे अभाव में जी रहे लोगों के साथ खुशियां मनाने से सामाजिक भाईचारा सौहार्दपुर वातावरण और मानवता स्वस्थ और जिंदा रहता है। बताते चलें कि ज्योति श्रीवास्तव के द्वारा निरंतर सामाजिक भाईचारा एकता जागरूकता के मद्दे नजर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहते हैं ।

संपन्न परिवार से संबंध रखने वाली ज्योति श्रीवास्तव ने रक्षाबंधन पर जनपद मिर्जापुर वासियों को बधाई देते हुए कहा कि वह अपने जीवन की खुशियों को अपने द्वारा अर्जित संपत्तियों को मुसहर आदिवासी लोगों के बीच पहुंचाना चाहती हैं ताकि आदिवासियों को अभाव में रह रहे जीवन से एक नई प्रेरणा नई उमंग और आशा जागृत हो और भविष्य में वह और बेहतर जीवन शैली गुजार सके।
ग्रामीणों के मुताबिक नए और युवा पीढ़ी के बच्चों के द्वारा सबको साथ लेकर त्यौहार मनाने की परंपरा अत्यंत हर्षित और प्रफुल्लित करने वाली है।ज्योति श्रीवास्तव ने कार्यक्रम के पश्चात मीडिया से बात करते हुए कहा कि सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास हमें सिखाता है कि खुशियों में हम अभाव में रह रहे लोगों के साथ समय व्यतीत करें।

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