समाचारएक दिवसी ध्यानाकर्षण दिवस का आयोजन डीपीआरओ कार्यालय पर किया गया-MIRZAPUR

एक दिवसी ध्यानाकर्षण दिवस का आयोजन डीपीआरओ कार्यालय पर किया गया-MIRZAPUR

आज दिनांक 30,8 ,2019 को पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार प्रांतीय नेतृत्व के आवाहन पर ग्राम विकास अधिकारी ग्राम पंचायत अधिकारी संयुक्त समन्वय समिति जनपद मिर्जापुर के बैनर तले एक दिवसी ध्यानाकर्षण दिवस का आयोजन डीपीआरओ कार्यालय पर किया गया ।कार्यक्रम में जनपद के विभिन्न विकास खंडों से समस्त ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत अधिकारी मौजूद रहे ।धरना कार्यक्रम में अपनी 3 सूत्री मांग पत्र उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को मिर्जापुर जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा। मांगों व शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में जिला स्तर से किए जा रहे उत्पीड़न पर साथियों ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया। ज्ञापन पत्र के मुताबिक 5 जून 2018 से 11 जून 2018 तक दोनों संघ के अध्यक्ष आमरण अनशन पर बैठे थे। राकेश कुमार तिवारी ने कहा कि सरकार व शासन द्वारा गठित समिति ने 5 जुलाई 2018 को बैठक कर दोनों संभागों की शैक्षिक योग्यता स्नातक व ग्रेड वेतन ₹2800 पर सहमति बनी जिसकी संस्तुति शासन स्तर पर लंबित है ।भारतवर्ष के सभी राज्यों में सचिव ग्राम पंचायत के दायित्व लगभग एक समान है देश के अनेकों राज्यों में सचिव स्नातक है वह उच्च ग्रेड वेतन में कार्यरत है परंतु उत्तर प्रदेश में अभी तक इस पर निर्णय नहीं हो पाया है साथ ही कार्य करने वाले लेखा लिपिक जो वर्तमान में सहायक लेखाकार से पदाना मित हैं कालांतर में 1900 ग्रेड वेतन व इंटरमीडिएट शैक्षिक योग्यता का कार्मिक था उस पद को स्नातक कॉमर्स एवं ग्रेड वेतन ₹2800 प्रदान किया जा चुका है ।वहीं गन्ना पर्यवेक्षक व किसान सहायक की शैक्षिक योग्यता स्नातक की जा चुकी है ।सचिव ग्राम पंचायत के सभी कार्य करता है उसके साथ आहरण वितरण कार्य ग्रामीण स्तर पर समस्त कल्याणकारी योजनाओं का संचालन विभिन्न विभागों के कार्यों भी करता है ।वर्तमान में सचिव का कार्य तकनीकी प्रकृति का भी है । कार्यक्रम के दौरान जोरदार ढंग से सचिव ग्राम पंचायत ग्राम पंचायत अधिकारी ग्राम विकास अधिकारी की शैक्षिक योग्यता स्नातक व ग्रेड वेतन 2800 प्रदान किए जाने की मांग की गई है। प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग थी कि शासनादेश के अनुसार भूमि समतलीकरण जल संरक्षण तालाब निर्माण खाई निर्माण प्राकृतिक बांध वृक्षारोपण चारा उपलब्ध कराना श्रमिकों की व्यवस्था प्रकाश व्यवस्था कराना भी कार्य में शामिल किया जा रहा है ₹30 प्रति पशु के हिसाब से भरण पोषण जैसे आवर्ती पर सम्मिलित किए गए हैं इसी धनराशि से मानव संसाधन भरण-पोषण गो पालको का पारिश्रमिक गुणवत्ता के साथ संभव नहीं हो पा रहा है।पंचायतों के उत्तरदाई स्वयं का धन इन कार्यों पर लगा चुके हैं जो अब संभव नहीं है ।पशु संरक्षण का विशेषज्ञ विभाग पशुपालन विभाग है इस विभाग के मानव संसाधन विकास खंडों में पर्याप्त सहयोगी की भूमिका में है नोडल विभाग पशुधन विभाग ही है परंतु समस्त कार्य सचिव ग्राम पंचायत पर थोप दिए गए हैं ,जबकि जनकल्याणकारी योजनाएं एवं पंचायत के नियामक कार्य अत्यधिक है । प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पशुपालन विभाग अपने स्वयं के दायित्वों से विमुख है स्वयं की त्रुटियों का उत्तरदायित्व सचिव पर डालकर उत्पीड़नात्मक कार्यवाही कर देता है ।कई प्रकरण ऐसे हैं जिनमें सचिव पर f.i.r. कराई गई है ।गोवंश आश्रय स्थल की संपूर्ण जिम्मेदारी पशुधन विभाग को सौंपी जाए ।पंचायतें हैं जिस प्रकार से शिक्षा चिकित्सा एवं बाल विकास आदि विभागों की परिसंपत्ति निर्मित कर उन्हें सौंपती है, उसी प्रकार गोवंश आश्रय शासनादेश के विहित प्रावधानों तक व्यवस्थित कर पशुधन विभाग को सौंपे ।शेष सभी उत्तरदायित्व विशेषज्ञ विभाग पशुधन विभाग ही करें ।यह भी कहा कि शिक्षा विभाग की धनराशि के खातों का संचालन प्रधानाध्यापक द्वारा, स्वास्थ्य विभाग के खाता का संचालन एएनएम द्वारा किया जाता है ,बाल विकास विभाग के खाते का संचालन बाल विकास विभाग का कर्मचारी करता है।ठीक उसी प्रकार गोवंश आश्रय स्थल के आवर्ती बैंक खाता का संचालन पशुधन विभाग के कर्मचारी द्वारा किया जाए ।सचिव ग्राम पंचायत को मुक्त किया जाए ।गोवंश आश्रय स्थल के संचालन पर सचिव के उत्पीड़न एवं कार्यवाही पर रोक लगाई जाए । गोवंश आश्रय स्थल के संचालन हेतु खाता संचालन पशु पालन विभाग को सोपते हुए सचिव ग्राम पंचायत को शिक्षा चिकित्सा आदि खातों की भांति मुक्त रखा जाए। आवास लाभार्थी का पात्रता सूची में सचिव पर कार्रवाई पर रोक लगाई जाए उसे बंद किया जाए।आवास निर्मित ना होने अथवा मानक के अनुरूप न होने पर कार्यवाही लाभार्थी पर की जाए सचिव का उत्पीड़न बंद किया जाए। सचिव ग्राम पंचायत को लाभार्थी पात्रता प्रमाण पत्र के लिए बाध्य न किया जाए।दैनिक मजदूरी की भारी विषमता श्रमिकों द्वारा मांग न करना , मनरेगा के कार्य के लिए श्रमिकों द्वारा तैयार ना होना आदि समस्याओं को दृष्टिगत रखकर लक्ष्य को आधार बनाकर सचिवों पर की जाने वाली कार्रवाई पर रोक लगाई जाए ।सचिव ग्राम पंचायत अधिकारी ग्राम विकास अधिकारी शासकीय कर्मचारी हैं शासकीय कर्मचारी के संबंध में विभागीय कार्यवाही में अनेकों कठोर दंड के प्रावधान है परंतु जिला प्रशासन द्वारा बात-बात पर एफआइआर कराई जाती है कर्मचारी को एक कर्मचारी से अपराधी बना दिया जाता है क्या शासकीय विभाग से अधिक इमानदार विभाग पुलिस विभाग है ?क्या प्रशासकीय विभाग व शासन में भ्रष्ट व सक्षम अधिकारी हैं ?जिन पर भरोसा नहीं रह गया जो उनके कर्मचारियों को पूरी जांच के हवाले कर दिया जाता है संघ का मानना है कि हमारी प्रशासकीय विभाग व शासन ईमानदार है जो निष्पक्षता से जांच कर सकता है । शासन द्वारा निर्गत शासनादेश के विहित प्रावधानों के अंतर्गत जांच व विभागीय कार्रवाई की जाए। निर्धारित समय में ही व दिवस पर ही कार्य लिए जाएं। अवकाश के दिनों में कार्य कदापि न लिया जाए। शाम तक सचिवों की बैठक न ली जाए। मांग किया कि सचिव ग्राम पंचायतों की शैक्षिक योग्यता स्नातक एवं ग्रेड वेतन 2800 अनुमन्य किया जाए।विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में समाधान करते हुए सचिव के उत्पीड़न एवं f.i.r. पर रोक लगाई जाए, तथा अन्य तमाम बिंदुओं पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए समाधान करने की मांग की गई है|कार्यक्रम की अध्य्क्षता विनोद कुमार मिश्रा ने किया |सम्बोधन अछैबर नाथ यादव ,राकेश कुमार तिवारी कृष्णलाल ,संजय पांडेय ,अखिलेश श्रीवास्तव,विस्वेस सिंह,अनूप दुबे,प्रदीप सरोज,केके सिंह,आदि लोगो ने किया |संचालन अछैबर नाथ यादव ने किया व कार्यक्रम में राजाराम राकेश तिवारी की मुख्य भूमिका रही |

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