
– एस० एन० पब्लिक स्कूल के परिसर में प्रेम और भाई चारे का पर्व क्रिसमस की पूर्व संध्या पर बच्चों के द्वारा पर्व बहुत ही हर्षोल्लास और जश्न के साथ मनाया गया। ईसामसीह की याद में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। छात्र और शिक्षक कैंडल जलाकर प्रार्थना किये। पूरा परिसर क्रिसमस ट्री से सुसज्जित था। बच्चे सेंटा की टोपी और सेंटा के कपड़े पहन कर एक दूसरे को केक खिलाकर आपस में खुशियां बिखेरी । अपने मित्रों को शुभकामनाएं देते हुए उपहारों का आदान प्रदान किये। इस अवसर पर फैंसी ड्रेस का भी आयोजन किया
गया जिसमें छात्र बढ़-चढ़ कर भाग लिए। विद्यालय के डॉयरेक्टर राजेश सिंह क्रिसमस दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि – क्रिसमस का त्योहार इसाई धर्म के संस्थापक यीशु के जन्म से संबंधित है। यह पर्व प्रेम और भाई चारे का प्रतीक है, क्रिसमस मुख्य रूप से खुशियों को बाँटने का त्योहार है। इस पर्व का मुख्य संदेश आपस में भाई-चारा स्थापित करना। प्रभु यीशु जनमानस को संदेश देते हुए कहते थे कि “पाप से घृणा करो पापी से नहीं, अपने शत्रु से भी प्रेम करो।” आज ईसामसीह के ये उपदेश मानवता को सच्ची राह दिखा सकते हैं। हमें उनके आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात् करना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य अरूण पाठक क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व दुनियाँ में सबसे ज्यादा मनायें जाने वाले त्योहारों में से एक है। प्रभु
ईसामसीह इसाई धर्म के संस्थापक थे। क्रिसमस को हम बड़ा दिन के रूप में भी जानते हैं। जीसस क्राइस्ट एक महान व्यक्ति थे और उन्होने समाज को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होने दुनियाँ को प्रेम के बोल दिये, इस लिए उन्हें ईश्वर का एकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है।