वीरेंद्र गुप्ता मिर्जापुर,
*”थाना विन्ध्याचल क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 03/04 फरवरी की रात्रि को हुई कालीन बुनकर प्रमोद की हत्या का राजफाश, अभियुक्ता पत्नी व पत्नी का भाई गिरफ्तार, आलाकत्ल ईंट व घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल बरामद ” प्रतिशोध में की गई थी हत्या—*मिर्जापुर पुलिस ने आज प्रेस वार्ता कर बताया कि
दिनांक 03/04.02.2020 की रात्रि में थाना विन्ध्याचल क्षेत्रान्तर्गत गोसाईपुरवां निवासी प्रमोद सिंह पुत्र नेबूलाल सिंह उम्र करीब-40 वर्ष का सिर ईंट से कूंचकर हत्या कर दी गयी थी जिसके सम्बन्ध में थाना विन्ध्याचल पर मु0अ0सं0-09/2020 धारा 302,452 भा0द0वि0 बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया था । धरातलीय अभिसूचना, पूछताछ व इलेक्ट्रानिक साक्ष्य/सर्विलांस से मृतक की पत्नी कंचन लता उम्र करीब-38 वर्ष तथा पत्नी का भाई अम्बरीष सिंह पुत्र सोहरत सिंह उम्र करीब-34 वर्ष निवासी बेलवांडाड़ी थाना सहजनवां गोरखपुर का नाम प्रकाश में आया । जिसकी तलाश पुलिस/स्वाट/एसओजी टीम द्वारा की जा रही थी, मुखबिर ने दिनांक 22.02.2020 को सूचना दिया कि मोटरसाइकिल प्लेटिना UP 53 CZ 1559 रंग काला पर बैठे अम्बरीष व कंचन लता, मृतक प्रमोद के गोसाईपुरवां कारखानें पर जाकर कुछ देर पहले अमरावती चौराहे की तरफ निकले है इस सूचना पर समय लगभग 22.10 बजे कालीखोह मुख्य रोड गेट के पास से उक्त मोटरसाइकिल पर सवार अम्बरीष सिंह व कंचन लता को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर कारखानें के परिसर से पौधों में छुपाया आलाकत्ल ईंट बरामद किया गया ।
*विवरण पूछताछ—*
पूछताछ में अभियुक्त अम्बरीष द्वारा बताया गया वे दो भाई और दो बहने है बड़े भाई का नाम धर्मवीर, बड़ी बहन का नाम शशिकिरन व छोटी बहन कंचल लता है बड़ी बहन शशिकिरन की शादी लगभग 28-29 वर्ष पूर्व ही दशरथ सिंह निवासी गोड़ही थाना खलीलाबाद जनपद संतकबीर नगर से हो चुकी है बहन कंचन लता को वर्ष 1997 में (27.06.1997 को) अम्बरीष के गांव का ही निवासी प्रमोद सिंह (गोंड) अगवा कर, साथ ले जाकर जबरदस्ती शादी कर लिया । जिसके सम्बन्ध में महिला थाना गोरखपुर पर मु0अ0सं0-01/97 धारा 363,366 भा0द0वि0 दिनांक 14.09.1997 को पंजीकृत कराया गया इस घटना से अम्बरीष के परिवार की प्रतिष्ठा चली गयी उस समय वह परिपक्व नही था अम्बरीष का बड़ा भाई धर्मवीर कंचन लता को तलाश हेतु ट्रेन से कानपुर जा रहा था ट्रेन की पटरी के पास उसका शव मिला था परिजनों को उसकी मृत्यु के एक दिन बाद पता चला उन्हे आशंका थी कि प्रमोद के परिवार वालो ने ही धर्मवीर की हत्या की है । अपने परिवार की बरबादी का कारण प्रमोद को मानकर अम्बरीष प्रतिशोध की आग में जलता रहा, इसी प्रतिशोध में अम्बरीष उसके पिता सोहरत सिंह व चाचा जगरनाथ सिंह ने मिलकर प्रमोद के छोटे भाई नीलकमल की सन् 2001 में हत्या कर दी थी जिसके सम्बन्ध में थाना सहजनवां (वर्तमान थाना गीडा) गोरखपुर पर मु0अ0सं0-587/2001 धारा 302,506 भा0द0वि0 पंजीकृत हुआ जिसमें उक्त तीनों के अतिरिक्त अम्बरीष की चाची उर्मिला भी अभियुक्त थी उक्त अभियोग में सोहरत सिंह व जगरनाथ सिंह को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी तथा वे मा0 उच्च न्या0 से जमानत पर है अम्बरीष तत्समय नाबालिग था, अम्बरीष का मुकदमा विचाराधीन है, वह भी जमानत पर है । उर्मिला दोष मुक्त हो चुकी है कंचन के अनुसार प्रमोद कंचन को अपने साथ लाकर कही अन्जान स्थान पर रखा उसके बाद उसे लाकर मीरजापुर में रहने लगा । कंचन को पढ़ने की इच्छा हुई तो प्रमोद ने अपने परिचित के माध्यम से सुरेश दूबे निवासी मंझनपुर जो भार्गव इण्टर कॉलेज मंझनपुर कौशाम्बी में लिपिक है के सम्पर्क में आकर कंचन का हाई स्कूल में दाखिला भार्गव इण्टरमीडिएट एवं डिग्री कॉलेज मंझनपुर कौशाम्बी में कराया जहां पर उसने प्राइवेट रूप से पढ़कर बी0ए0 की पढ़ाई पूरी की । वर्ष 2010 तक कंचन लता प्रमोद के साथ मीरजापुर में ही रहती थी, वह वर्ष 2010 में होमगार्ड में प्लाटून कमाण्डर भर्ती हुई तथा वर्तमान समय में महिला थाना कौशाम्बी में तैनात है कंचन के अनुसार प्रमोद से उसकी कभी नही बनी हमेशा मारता-पीटता था प्रमोद के मीरजापुर व कंचन के कौशाम्बी रहने के कारण दूरियाँ बढ़ती गयी कंचन ने अपने मायके वालों से भयवश 21 वर्षों तक सम्पर्क नही किया था । कंचन के दो बच्चे बड़ी लड़की आकृति उम्र करीब 18 वर्ष अमेठी में पॉलिटेक्निक में पढ़ रही है एवं लड़का स्वयं सिंह उम्र करीब 16 वर्ष राजस्थान इण्टर कॉलेज मीरजापुर में कक्षा-12 का छात्र है तथा दिल्ली में प्राइवेट काम करता है । । करीब 21 वर्ष तक कंचन का कोई पता नही चला लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व कंचन ने अपने परिचित सुरेश दूबे , को बड़ी बहन शशिकिरन के यहां भेजकर सूचना दिया तथा मोबाइल नम्बर का आदान-प्रदान किया फिर अपने मायके भी गयी थी । अम्बरीष गाजियाबाद में मोटर पार्ट्स को लाने व लेजाने का काम करता है।
*घटना क्रम—*
अम्बरीष अपनी बहन कंचन लता से प्रमोद का मीरजापुर वाला घर दिखाने के लिए कहता रहता था उसका उद्देश्य प्रमोद की हत्या कर अपना प्रतिशोध पूरा करना था, इसी योजना के अनुसार 01 फरवरी को दिल्ली से चलकर 02 फरवरी को मंझनपुर आया वही पर कंचन को विश्वास में लेकर 03 फरवरी को सुबह कंचन का मोबाइल बन्द कर वही रख दिया व अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया करीब 10 बजे दिन वे दोनों मीरजापुर के लिए मोटरसाइकिल से चले करीब 16.00 बजे विन्ध्याचल आकर दर्शन किए और शहर में इधर-ऊधर रूक कर रात होने का इंतजार करने लगे करीब रात्रि के 10.00 बजे आश्वस्त होने पर कि लेबर चले गये होंगे प्रमोद अकेला सो रहा होगा दोनों गोसाईपुरवां कारखानें के बाहर करीब रात्रि 11.00 बजे पहुंचे, कंचन ने बाहर से कारखाना दिखाया और बाहर ही रूक गयी अम्बरीष ने अन्दर जाकर देखा तो प्रमोद सो रहा था अम्बरीष ने ईंट से प्रमोद के सिर पर प्रहार किया और गमछे से गले को कस दिया इसी दौरान प्रमोद ने बचाव में कुछ संघर्ष किया अन्ततः शिथिल पड़ने पर पुनः ईंट से कई वार सिर पर किया जिससे उसकी मृत्यु हो गयी शोर सुनकर कंचन भी अन्दर आयी, प्रमोद को मृत देखा । इसके बाद दोनों मोटरसाइकिल से रात में ही मंझनपुर चले गये दूसरे दिन जब पुलिस ने कंचन को प्रमोद की हत्या की सूचना देकर विन्ध्याचल थानें पर बुलाया तो कंचन ने अपने भाई अम्बरीष को खलीलाबाद भेज दिया क्योंकि प्रमोद से संघर्ष के कारण अम्बरीष को आयी चोंटो को देखकर पुलिस को शक हो जाता और दोनों पकड़े जाते, कंचन लता अपने परिचित सुरेश दूबे निवासी मंझनपुर के साथ तत्समय थाना विन्ध्याचल आयी थी ।
*विशेष तथ्य—*
1. कंचन लता के अपहरण के सम्बन्ध में महिला थाना गोरखपुर पर पंजीकृत अभियोग में कंचन लता की बरामदगी व प्रमोद की गिरफ्तारी अभी तक नही हुई थी अतः गोरखपुर के महिला थानें को कंचन लता व प्रमोद के सम्बन्ध में तथ्यों की सूचना दें दी गयी है।
2. प्रतिशोध में अम्बरीष उसके पिता सोहरत सिंह व चाचा जगरनाथ सिंह ने मिलकर प्रमोद के छोटे भाई नीलकमल की सन् 2001 में हत्या कर दी थी जिसके सम्बन्ध में थाना सहजनवां (वर्तमान थाना गीडा) गोरखपुर पर मु0अ0सं0-587/2001 धारा 302,506 भा0द0वि0 पंजीकृत हुआ जिसमें उक्त तीनों के अतिरिक्त अम्बरीष की चाची उर्मिला भी अभियुक्त थी उक्त अभियोग में सोहरत सिंह व जगरनाथ सिंह को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी तथा वे मा0 उच्च न्या0 से जमानत पर है अम्बरीष तत्समय नाबालिग था, अम्बरीष का मुकदमा विचाराधीन है, वह भी जमानत पर है।
3. अभी तक की जानकारी के अनुसार मृतक प्रमोद का अपने घर से सम्पर्क नही था तथा प्रमोद के मृत्यु की जानकारी भी प्रमोद के घरवालों को नही थी उसकी मृत्यु की सूचना उसके घर बेलवांडाड़ी थाना सहजनवां(गीडा) गोरखपुर दे दी गयी है ।
4. कंचन लता का भी 1997 में अपहरण के बाद अपने मायके वालों से सम्पर्क 1-1½ वर्ष पूर्व हुआ है ।
5. अम्बरीष के माता-पिता व उसकी पत्नी सभी अपने मूल निवास पर न रहकर अम्बरीष की बड़ी बहन के घर खलीलाबाद में रहते हैं ।
*नाम पता गिरफ्तार अभियुक्तगण—*
1. अम्बरीष सिंह पुत्र सोहरत सिंह निवासी बेलवांडाड़ी थाना सहजनवां गोरखपुर, उम्र करीब-34 वर्ष ।
आपराधिक इतिहास— मु0अ0सं0-587/2001 धारा 302,506 भा0द0वि0 थाना सहजनवां(गीडा) गोरखपुर ।
2. कंचन लता सिंह पत्नी स्व0 प्रमोद सिंह (गोंड) निवासिनी नई बस्ती गोसाईंपुरवां थाना विन्ध्याचल मीरजापुर, हालपता—पीसी होमगार्ड महिला थाना कौशाम्बी, उम्र करीब-38 वर्ष ।
*विवरण बरामदगी—*
1. हत्या में प्रयुक्त ईंट (आलाकत्ल) ।
2. मोटरसाइकिल प्लेटिना UP 53 CZ 1559 रंग काला ।
*गिरफ्तारी का स्थान, दिनांक तथा समय—*
कालीखोह मुख्य रोड़ गेट के पास से दिनांक 22.02.2020 को समय लगभग 22.10 बजे ।
*गिरफ्तारी/बरामदगी करने वाली टीम का विवरण—*
*थाना विन्ध्याचल पुलिस टीम-*
1. प्र0नि0 वेद प्रकाश राय थाना विन्ध्याचल, मीरजापुर ।
2. व0उ0नि0 केदारनाथ मौर्या थाना विन्ध्याचल, मीरजापुर ।
3. उ0नि0 सुनील कुमार थाना विन्ध्याचल, मीरजापुर ।
4. का0 अवधेश कुमार थाना विन्ध्याचल, मीरजापुर ।
5. का0 विपिन यादव थाना विन्ध्याचल, मीरजापुर ।
6. म0आ0 आरती चौहान थाना विन्ध्याचल, मीरजापुर ।
7. का0 मनीष कुमार सिंह थाना विन्ध्याचल, मीरजापुर ।
8. का0 मुकेश कुमार थाना विन्ध्याचल, मीरजापुर । *एसओजी/स्वाट/सर्विलांस टीम-* 1. प्र0नि0 विनोद कुमार यादव एसओजी, मीरजापुर ।
2. उ0नि0 रामस्वरूप वर्मा प्रभारी स्वाट टीम, मीरजापुर ।
3. उ0नि0 जयदीप सिंह स्वाट टीम, मीरजापुर ।
4. का0 लालजी यादव एसओजी टीम, मीरजापुर ।
5. का0 अजय यादव एसओजी टीम, मीरजापुर ।
6. का0 राज सिंह राणा स्वाट टीम, मीरजापुर ।
7. का0 भूपेन्द्र सिंह स्वाट टीम, मीरजापुर ।
8. का0 बृजेश सिंह स्वाट टीम, मीरजापुर ।
9. का0 संदीप राय स्वाट टीम, मीरजापुर ।
10. का0 वीरेन्द्र सरोज स्वाट टीम, मीरजापुर ।
11. का0 राजेश यादव स्वाट टीम, मीरजापुर ।
12. का0 नितिन सिंह सर्विलांस टीम, मीरजापुर ।
*नोट— गिरफ्तारी व बरामदगी करने वाली पुलिस टीम को ₹ 25000/- के नगद पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया ।*