मीरजापुर 16 नवम्बर 2022- जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 शिव प्रताप शुक्ल ने कलेक्ट्रेट सभागार में पराली/फसल अवशेष न जलाने के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया। अपर जिलाधिकारी ने कहा किसान भाई फसल अवशेष/पराली को न जलाये, बल्कि उसे निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल को निःशुल्क दान कर सकते हैं। उन्होने कहा कि फसल अवशेष प्रबन्धन/पराली न जलाने के सम्बन्ध में भी प्रचार-प्रसार करेे तथा किसानों से आवाह्न किया कि कृषि वैज्ञानिकांे द्वारा बताये गये तकनीकी जानकारियों का उपयोग करके अपने उत्पादन में वृद्धि करें। उन्होने कहा कि किसान अपनी पराली को डिकम्पोजर के माध्यम से पराली से खाद बनाया जा सकता हैं। उन्होने कृषि विभाग के ब्लाक स्तरीय अधिकारियों कर्मचारियों से कहा कि फसल अवशेष को जलाने से होने वाले नुकसान एवं फसल अवशेष से खाद बनाये जाने पर होने वाले फायदे के बारे में किसानों को जागरूक किया जाय। उप निदेशक कृषि ने जानकारी देते हुये बताया कि राष्ट्रीय हरित अभिकरण के द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार फसल अवशेष जलाना एक दण्डनीय अपराध है। उन्होने बताया कि पराली जलाने से हो रहे पर्यावरण की क्षति की वसूली का भी प्राविधान हैं। जिसमें दो एकड़ से कम क्षेत्र के लिये 2500/- दो से पांॅच एकड़ क्षेत्र के लिये 5000/- तथा पांॅच एकड़ अधिक क्षेत्र के लिये 1500/- रूपये तक पर्यावरण कम्पनसेंशन के भी प्राविधान निर्धारित किये गये हैं। संयुक्त मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी लालगंज नवनीत सेहारा, चुनार नीरज पटेल, मड़िहान अश्वनी कुमार सिंह, उप निदेशक कृषि डाॅ अशोक उपाध्याय, क्षेत्राधिकारी शैलेन्द्र त्रिपाठी, जिला पंचायत राज अधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहें।