वर्ल्ड रेबीज डे पर मिर्ज़ापुर के मशहूर डॉक्टर सुजीत कुमार सिंह (8887100296) ने बताया की आमतौर पर माना जाता है कि रैबीज कुत्ते के काटने से होता है मगर ऐसा नहीं है। इस बीमारी का वायरस कुत्ते, बिल्ली, बंदर समेत कई जानवरों के काटने से शरीर में फैलते हैं। इसके साथ ही कई बार पालतू जानवरों के चाटने या व्यक्ति के खून का लार से संपर्क में आने के कारण भी ये रोग फैलता है। किस तरह रैबीज व्यक्ति को कैसे प्रभावित करता है और उसके लक्षण व उपचार के बारे में डॉक्टर्स अक्सर लोगो को सचेत करते रहते है उसी क्रम में डॉक्टर सुजीत कुमार सिंह ने बताया की रैबीज एक तरह का वायरल संक्रमण है जो आमतौर पर संक्रमित जानवरों के काटने से फैलता है। रैबीज का वायरस खतरनाक होता है। अगर सही समय पर इसका इलाज न किया जाए तो ज्यादातर खतरनाक साबित हो सकता है। रैबीज व्यक्ति के शरीर को दो तरह से प्रभावित करता है। जब रैबीज वायरस व्यक्ति के नर्वस सिस्टम में पहुंच जाते हैं और उसके बाद मस्तिष्क तक पहुंच जाए। रैबीज वायरस जब व्यक्ति के नर्वस सिस्टम में पहुंच जाता है तो इससे दिमाग में सूजन पैदा हो जाता है। जिससे व्यक्ति जल्द ही कोमा में चला जाता है या उसकी मौत हो जाती है। कभी-कभी उसे पानी से भी डर लगता है। इसके अलावा कुछ लोगों को लकवा भी हो सकता है।
सर्दियों में कुत्तों की देखभाल का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। सर्दी के मौसम में कुत्ता पालकों को किन -किन बातों का ध्यान देनी चहिये इसके बारे में मिर्ज़ापुर के मशहूर डॉक्टर सुजीत कुमार सिंह (8887100296) ने बताया की पशुपालको को ,यह समझना जरुरी है । सर्दियों के मौसम में कुत्तों को ज्यादा तकलीफ होती है । मौसम की स्थितियों में परिवर्तन, घटता तापमान और सर्दी के अन्य खतरे उन के स्वास्थ्य के लिए जाने अनजाने में खतरे पैदा कर सकते हैं।सर्दी के मौसम में लंबे बालों वाली कुछ प्रजातियां जैसे जरमन शेफर्ड और ह्सकीज सर्दी के लिए ज्यादा उपयुक्त हैं,उन्हें यह मौसम पसंद आता है पर तापमान गिरते ही इन प्रजातियों के कुत्तों को भी सुरक्षा की आवश्यकता पड़ती है।सर्दी के मौसम में आपको लंबे बालों कुत्तों का भी ख्याल सावधानीपूर्वक रखने की जरूरत है । सर्दी में कुत्तों की अच्छी सेहत के लिए किन -किन बातों का ध्यान रखनी चहिये।
सर्दी के मौसम में कुत्तों का आहार : ठंड के मौसम में पालतू जानवर को गरमी के मुकाबले ज्यादा भोजन दीजिए । उदाहरण के लिए, सर्दी में कुत्तों को गरमी के मुकाबले 25 प्रतिशत ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता हो सकती है। खासकर उन्हें, जो बाहर व्यायाम करते हैं. इस से उन्हें अतिरिक्त भोजन की आवश्यकता होती है । सुनिश्चित कीजिए कि आप उन्हें ज्यादा ताकत देने वाला भोजन, कोई संपूर्ण व संतुलित पोषण दें। इस बात का खयाल रखें कि पालतू जानवर सर्दी में मोटे हो सकते हैं या उन का वजन बढ़ सकता है । मोटे या भारी पालतू जानवरों को जख्म या बीमारी की आशंका सामान्य वजन वाले पालतू जानवरों के मुकाबले ज्यादा होती है।जैसे-जैसे तापमान में गिरावट आएं, आप कुत्ते को ठंडी चीजें खिलाना बंद कर दें। उसे चावल आदि न दें। उसे ऐसी चीजें खाने को दें, जो उसे गर्मी और ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा दें। उनके लिए रात को भी कुछ खाने को रखें।
वर्ल्ड रेबीज डे पर डॉक्टर सुजीत कुमार सिंह ने किया लोगो को जागरूक -MIRZAPUR
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