गर्भवती महिलाओ के लिए पहाड़ी का ये रास्ता कदाचित अनुचित साबित होता है |पसंददीदा जगह जहा किसी को जाना पसंद नहीं, क्योंकि आजादी के बाद भी सड़को का निर्माण नहीं| ख़ास तौर पर गर्भवती महिलाये आने जाने से कतराती है |आखिर क्यों महिलाये आने जाने से कतराती है| जब इस बारे में पूछा गया तो जानकारी मिली की आने जाने के लिए रास्ता पहाड़ी है सड़क न बनने से गर्भपात हो जाता है लिहाजा अपने कुल की रक्षा के लिए रस्ते का त्याग करना पड़ता है
मिर्जापुर का सर्वाधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थल टांडा फॉल जाने के लिए सुगम रास्ता ना होने से अजीज आकर स्थानीय क्षेत्र वासी, ग्रामीणों ने पानी की सप्लाई बाधित कर दी । बताया गया कि जिस जगह से पानी की सप्लाई बाधित की गई है उसी उद्गम स्थान से पानी 12 इंच के 2 पाइप के जरिए लंका पहरी में सप्लाई किया जाता रहा है और फिर लंका पहरी में स्थित जलाशय से मिर्जापुर नगर पालिका क्षेत्र के कई वार्डों में पानी की आपूर्ति यहीं से होती है। धरने पर बैठे ग्रामीणों की मांग है कि टांडा फॉल उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण व रमणीय स्थल है ।जिला प्रशासन की घोर उपेक्षा के चलते ना सिर्फ यहां के बाशिंदे भयानक तकलीफ में है बल्कि यह क्षेत्र पर्यटन शून्य हो गया है। कई बार पत्र के माध्यम से ,धरना प्रदर्शन के माध्यम से जिला प्रशासन को व जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को इस समस्या से अवगत कराया गया। उसके उपरांत भी कोई सुनवाई ना होने से ग्रामीणों के साथ छात्र भी उद्वेलित हो गए ।जिसमें महिलाओं ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया ।महिलाओं ने आरोप लगाया कि हम महिलाओं को प्रसव के दौरान मार्ग पर सड़क ना बनने की वजह से भारी कष्ट का सामना करना पड़ता है। हमारे गांव में एंबुलेंस भी आने से मना करती है। आजादी के बाद आज तक टांडा फाल के इस 2 किलोमीटर मार्ग के ना बन पाने से विकास का दावा करने वाले लोगों के मुंह पर तमाचा जैसा है। इस धरने में मुख्य रूप से धर्मराज मौर्य, मुरली भारती, गिरजा शंकर यादव ,लखन मौर्य ,मुन्ना मौर्य, मनोज यादव ,श्यामसुंदर मौर्य, राजेंद्र मौर्य ,प्रेम सरोज, बलराम यादव आदि के अलावा दर्जनों ग्रामीण डटे रहे ।मौके पर देहात कोतवाली पुलिस भी मौजूद रही।
कुल की रक्षा के लिए रस्ते का त्याग करना पड़ता है-MIRZAPUR
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