हत्या के अभियोग में आरोपी को करायी गई आजीवन कारावास एवं ₹ 25,000/- के अर्थदण्ड की सजा —*
पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 के निर्देश पर चलाये जा रहे अभियान “ऑपरेशन कन्विक्शन” के तहत अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन, वाराणसी “पीयूष मोर्डिया” के निर्देशन व पुलिस उपमहानिरीक्षक विन्ध्याचल परिक्षेत्र मीरजापुर “आर.पी.सिंह” के नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक मीरजापुर “अभिनन्दन” द्वारा जनपद में महिला सम्बन्धित अपराध सहित लूट, हत्या, डकैती, धर्म परिवर्तन, गोवध अधिनियम व अन्य जघन्य अपराधों में प्राथमिकता के आधार पर लगातार गुणवत्तापूर्ण विवेचना तथा अभियोजन की सशक्त एवं प्रभावी पैरवी करायी जा रही है । उक्त अभियान के क्रम में थाना चुनार पर हत्या से सम्बन्धित अभियोग में पुलिस द्वारा प्रभावी पैरवी करते हुए गवाहों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर गवाही करायी गयी । जिसके परिणाम स्वरूप मा0न्यायालय जनपद एवं सत्र न्यायाधीश मीरजापुर द्वारा दोषसिद्ध आरोपी को हत्या के अभियोग में आजीवन कारावास एवं ₹ 25,000/- के अर्थदण्ड की सजा सुनायी गयी ।
*घटना का संक्षिप्त विवरण—*
24.03.2008 को थाना चुनार क्षेत्रान्तर्गत ग्राम रुदौली निवासी लक्ष्मण पुत्र बिरजू(ग्राम चौकीदार) द्वारा थाना चुनार पर गांव के समीप स्थित पुलिया के नीचे किसी अज्ञात व्यक्ति का शव, दोनो हाथ गमछे से बधा हुआ तथा सिर पर चोट के निशान से खून निकलने के सम्बन्ध में सूचना दी गई । जिसके आधार पर थाना चुनार पर मु0अ0सं0-148/2008 धारा 302,201 भादवि पंजीकृत कर त्वरित कार्यवाही करते हुए विवेचना एवं साक्ष्य संकलन के दौरान प्रकाश में आये अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायालय/जेल भेजा गया था । पुलिस अधीक्षक मीरजापुर “अभिनन्दन” द्वारा “ऑपरेशन कन्विक्शन” के तहत हत्या उक्त घटना को प्राथमिकता देते हुए थाना चुनार पुलिस एवं मॉनीटरिंग/पैरवी सेल को निर्देशित करते हुए गुणवत्तापूर्ण तथा सशक्त एवं प्रभावी पैरवी कराया गया । अभियोजन अधिकारी-डीजीसी आलोक कुमार राय, विवेचक- निरीक्षक गोरखनाथ यादव व निरीक्षक जयशंकर प्रसाद, कोर्ट मुहर्रिर- मुख्य आरक्षी धर्मेन्द्र कुमार तथा पैरोकार-आरक्षी अजय कुमार द्वारा प्रभावी पैरवी की गई ।
जिसके फलस्वरूप मा0न्यायालय जनपद एवं सत्र न्यायाधीश मीरजापुर-“अनमोल पाल” द्वारा दोषसिद्ध अभियुक्त कपिलदेव निवासी घासीपुर थाना अहरौरा जनपद मीरजापुर को मु0अ0सं0-148/2008 धारा 302,201 भादवि में आजीवन कारावास व ₹ 25,000/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया , अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में 04 वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी ।
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