छानबे। क्षेत्र के बिरोही गांव स्थित बीरभद्र मंदिर प्रांगण मे बीरभद्र सेवा समिति बिरोही द्वारा आयोजित नौ दिवसीय राम कथा के चौथे दिन बुधवार को बाल ब्यास शशीकांत महाराज ने नारद मोह की कथा का वर्णन करते हुए श्रोताओं को सीख दी कि मोह और घमंड दोनो ब्यर्थ है लोगों को सुखमय जीवन के लिए इसका त्याग करना चाहिए ।महाराज ने कहा कि नारद ने भगवान से उनका स्वरूप मांगा और विनती किया कि जेहि विधि नाथ होई हित मोरा करहु सो वेगि दास मै तोरा ।।और जब लोगनारद का उपहास करने लगे तो नारद ने क्रोध मे भगवान को श्राप दे दिया ।लेकिन मोह भंग होते ही पश्चाताप करने लगे और भगवान से क्षमा याचना किया ।महाराज ने भक्तों से कहा कि ईश्वर सब कुछ जान रहे है ।उनका स्मरण करना ही लाभ दायक है इस मौके पर पप्पू सिंह बादशाह बहादुर सिंह समशेर सिंह रूद्र बहादुर सिंह गंगेश सिंह पंकज तिवारी उदयवीर सिंह लालबहादुर यादव प्रभूनाथ गिरजाशरण सिंह तेजबली सिंह बी के सिह राजेश्वर सिंह शिवकुमार सिंह कृष्ण सिंह राजा राम सहित काफी संख्या मे श्रोता मौजूद रहे ।
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