मिर्जापुर में विगत ३१- १-18 को परीक्षा देने आए परीक्षार्थी मनोज चतुर्वेदी के साथ सरेआम पुलिस चौकी के सामने जो घटना घटी उसके पीछे हर कोई यह जानना चाहता है की मनोज की गाड़ी ओवरटेक करके जबरिया रोकने की कोशिश करने वाले उन पांच मोटरसाइकिल सवार कौन-कौन लोग थे इस बात का पता अभी पुलिस नहीं लगा पाई है हालांकि मनोज चतुर्वेदी ने फोर व्हीलर से आये व्यक्ति की पहचान कर ली है पुलिस ने भी एक ही व्यक्ति को नाम दर्ज करते हुए मुकदमा जरूर कायम किया है लेकिन अभी भी बड़ा सवाल यही है कि वह 5 मोटरसाइकिल सवार कौन थे? दूसरा इस घटना के पीछे इलाहाबाद बैंक जिला सोनभद्र भी शक के दायरे में देखा जा रहा है जिस घटना के वजह का मुख्य वजह चेक में हेराफेरी कर चेक बाउंस कराने की मनसा से इस घटना को अंजाम दिया जाना बताया जा रहा है घटना के बारे में एक बार आप को पुनः अवगत करा दें कि मनोज चतुर्वेदी परीक्षा देने आ रहे थे मिर्जापुर, उसी दरमियान कटरा कोतवाली थाना छेत्र के बरोधा कछार पुलिस चौकी के सामने कुछ लोगों के द्वारा इनकी गाड़ी को जबरिया रोक करके इन को मारने का प्रयास किया गया था जिसमें इन्होंने गाड़ी को तत्काल बैक कर के कटरा कोतवाली थाना ले जाया गया था ताकि उनकी जान बच सके ऐसा कहना मनोज चतुर्वेदी का ही है मनोज ने बताया कि चेक विपक्षी को जो दिया गया था उस में अमाउंट में छेड़छाड़ व चेक की तिथि में छेड़छाड़ करके बैंक में लगा दिया गया था जिसकी वजह से बैंक ने उसको बाउंस कर दिया उससे भी बड़ा सवाल यह उठता है कि एक चेक में एक छोटी कटिंग को लेकर जहां आम जनमानस को चेक वापस कर दिया जाता है और नए चेक लाने की बात कही जाती है ऐसे में मनोज चतुर्वेदी के मामले में बैंक के द्वारा सतर्कता क्यों नहीं बरता गया उससे भी बड़ा सवाल यह है कि सच में दो, दो तीन ,तीन जगह कटिंग होने के बावजूद चेक को सबमिट क्यों किया गया और यदि सबमिट किया गया तो उसको एग्जिटक्यूट क्यों करने की कोशिश की गई क्यों नहीं प्रथमदृष्टया उसको रिटर्न किया गया ये | सभी के मन में बड़ा सवाल है क्या बैंक और मनोज के विरोधी के साथ तालुकात के रिश्ते की जांच नहीं होनी चाहिए ?यह सभी के जवान पर मुख्य सवाल देखा जा रहा है|
पांच मोटरसाइकिल सवार कौन-कौन लोग थे-मनोज चतुर्वेदी
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