समाचारपिछले दो सालों में 3 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता में वृद्धि-MIRZAPUR

पिछले दो सालों में 3 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता में वृद्धि-MIRZAPUR

9453821310-सूचना विभाग द्वारा बताया गया की भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कही जाने वाली कृषि और कृषि उत्पादन की वृद्धि तभी अच्छी होती है, जब फसलों को समय से सिंचाई हेतु पानी मिलता रहे। अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए खेती को आधुनिक संसाधनों एवं सिंचाई की बेहतरीन व्यवस्था होना भी अत्यंत आवश्यक है। वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में सिंचाई की उचित व्यवस्था एवं प्रबंधन के कारण ही पहली बार देश में उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन में कई फसलों में प्रथम व अन्य में हरियाणा एवं पंजाब के बाद तीसरे स्थान पर आया है। प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराया है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार पिछले दो सालों में 3 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता में वृद्धि हुई है। प्रदेश सरकार का संकल्प है कि किसानों को पानी टेल तक नहीं, बल्कि उनके खेत तक पानी पहुंचाया जाये। सिंचाई विभाग ने नहरों, माइनरों, रजबहों एवं कुलाबों की सिल्ट सफाई करके किसानों के खेत तक पानी पहुंचाकर फसलों का रिकार्ड उत्पादन कराया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नहरो की सफाई एवं पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने एवं पारदर्शी व्यवस्था के अंतर्गत सिल्ट सफाई में ड्रोन कैमरे का प्रयोग एवं वीडियों ग्राफी करायी जा रही है। सिंचाई की इस पारदर्शी व्यवस्था के कारण ही प्रदेश की कई नहरों में पहली बार कई वर्षो बाद पानी पहुंचा जिसके कारण किसान खुश हुए और अपनी फसल की सिंचाई कर उत्पादन में वृद्धि कर रहे है। सन् 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए किसानों के हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए सिंचाई की अपूर्ण परियोजनाओं अथवा किसी कारण से धीमी गति से चल रही सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए सरकार द्वारा सन् 2020 तक का समय निर्धारित किया गया है।
बुन्देलखण्ड के सूखाग्रस्त इलाकों तक सिंचाई योजनाओं को पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार ने अलग से प्राविधान किया है। केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना पर भी प्राथमिकता से काम किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में मौजूदा सिंचाई परियोजनाओं को पूरी क्षमता से इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में ऊपरी गंगा नहर, मध्य गंगा नहर, शारदा सहायक नहर, गंडक नहर, शारदा सहायक नहर, अपर यमुना नहर, सरयू नहर, बेतवा नहर, अपर आगरा नहर आदि प्रमुख सिंचाई नहर प्रणालियां वर्तमान में संचालित की जा रही है। इसके अलावा प्रदेश सरकार राष्ट्रीय सरयू नहर, अर्जुन सहायक, मध्य गंगानहर द्वितीय चरण, कनहर नहर, भौरट, बदांयू सिंचाई परियोजना तथा एरच बहुउद्देशीय परियोजनाओं को पूर्ण करने का कार्य तेजी से चल रहा है। इसके पूर्ण होने पर 17.75 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचन क्षमता सृजित होगी। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि सभी सिंचाई परियोजनाएं 2020 तक पूर्ण हो जाय, जिससे किसानों को विभिन्न फसलों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी और उनकी आय में वृद्धि हो।
कम सिंचन वाले क्षेत्रों की सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता पर पूरा किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय परियोजनाओं मध्य गंगा नहर परियोजना-पश्चिमी उत्तर प्रदेश, सरयू नहर परियोजना-पूर्वांचल, अर्जुन सहायक परियोजना-बुन्देलखण्ड को पूरा करने का लक्ष्य वर्ष 2019-20 निर्धारित किया है। बाण सागर परियोजना पूर्ण हो चुकी है तथा प्रधानमंत्री द्वारा लोकार्पण भी किया जा चुका है। बाण सागर परियोजना के पूर्ण होने से 1 लाख 70 हजार किसान लाभान्वित हुए है तथा लगभग 01 लाख 50 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि में सिंचन क्षमता में वृद्धि हुई है। बाण सागर परियोजना के पूर्ण होने से इलाहाबाद एवं मीरजापुर क्षेत्र की सिंचन क्षमता 85 प्रतिशत से बढ़कर 150 प्रतिशत हो गई है तथा किसानों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि होने के साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार आ रहा है।लेकिन आज भी नहरों की सफाई के नाम पर पूरी पारदर्शिता कब आएगी स्थानीय लोगो का बड़ा सवाल कायम है |प्रायः नहरों की सफाई जयादा ही सफाई से होता है लोगो ने मांग किया है की इस काम में भी वास्तविक सफाई की जरूरत है |
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