समाचारप्रतिबंधित संगठन से इंसानियत के लिए बड़े खतरे का संकेत- जेडब्ल्यूएस

प्रतिबंधित संगठन से इंसानियत के लिए बड़े खतरे का संकेत- जेडब्ल्यूएस



प्रतिबंधित संगठन इंसानियत के लिए बड़े खतरे का संकेत- जेडब्ल्यूएस

मिर्जापुर, जेडब्ल्यूएस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि सरकार के द्वारा अब तक जिन भी संगठनों को प्रतिबंधित किया गया है, समस्त संगठन इंसानियत के लिए खतरा पैदा कर रहे थे ।
बड़ा सवाल ये भी है की सूफी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय चेयरमैन को आखिर क्यों संगठन को प्रतिबंधित करने की मांग करनी पड़ी।उनके मुताबिक किसी जात धर्म विशेष के लिए नहीं बल्कि इंसानियत के लिए खतरा बन रहे संगठन को प्रतिबंधित करना वक्त का तकाजा हो चुका था।

हिंदुस्तान की विभिन्न जांच एजेंसियों के बाद अब बड़ा सवाल उठने लगा था की पीएफआई मुस्लिमों की भी दुश्मन है या पूरे इंसानियत की? अब इस बात को लेकर चर्चा सरेआम होने लगी है।

पी एफ आई:- मुस्लिमों की हितैषी या मुस्लिमों की शत्रु संविधान और लोकतंत्र बचाने के नाम पर कट्टर विचारधारा परस्त पीएफआई पर प्रतिबंध मुस्लिमों के हित में है?

राष्ट्रीय चेयरमैन सूफी खानकाह एसोसिएशन के मुताबिक मुसलमानों के हित और उनके संरक्षण के दावे करने वाली पीएफआई की सच्चाई यह है कि अपनी आलोचना सुनते ही इनके लोग इतने बौखला उठते हैं कि हिंसा पर आमादा हो जाते हैं।

लोकतांत्रिक व्यवस्था और संवैधानिक व्यवस्था का प्रहरी बनने का दावा करने वाली, अलकायदा और आईएसआईएस समर्थित पीएफआई की सच्चाई यह है कि इनके लोग अपने आलोचकों की डिबेट का उत्तर हिंसा से देते हैं।

प्रोफेसर टी जे जोसफ तो सिर्फ एक उदाहरण मात्र हैं, वरन इनके कार्यो और विचारधारा का क़ानूनी तरीके और संविधान के प्रावधानों के साथ विरोध करने वाली सूफी ख़ानक़ाह एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ हिंसक और अपमानजनक आचरण पीएफआई के वास्तविक चेहरे को दर्शाता है।

अलकायदा आईएसआईएस आई एच एच और आतंकी जाकिर नायक के विचारों के द्वारा भारत मे अस्थिरता उत्पन्न करने के पीएफआई के विचारों का सूफी खानकाह एसोसिएशन के द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है। जिसके बाद से सूफी ख़ानक़ाह एसोसिएशन के पदाधिकारियों पर हमलों में तेज़ी आ गयी है।

मीर सैयद वसीम अशरफ बदायूनी के मुताबिक मज़लूमियत की बात करने वाली पीएफआई के जुल्म का यह कारनामा है, कि मात्र विरोध करने के कारण इस संगठन ने अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान ज़ैनुल आब्दीन साहब के बेटे सय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती के खिलाफ जम के साज़िशें कीं और पी एफ आई कि निन्दा करने पर उनको लीगल नोटिस भेजकर अपमानित किया। जिसके बाद सूफी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मो कौसर हसन मजीदी को सर काट देने की धमकी देने वाला पत्र भी प्रेषित किया । पीएफआई को प्रतिबंधित कराने की मांग को लेकर असोसिएशन द्वारा कानपुर से दिल्ली तक यलगार यात्रा और 20 फरवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर एक दिवसीय धरने का आयोजन भी किया गया था।

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