समाचारप्रत्येक अखबारों के साथ अलग-अलग नीतियां क्यों, संपादकों ने जताई चिंता

प्रत्येक अखबारों के साथ अलग-अलग नीतियां क्यों, संपादकों ने जताई चिंता

– एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अखबारों की समस्याओं पर हुई चर्चा।
– केंद्र सरकार से प्रकाशकों ने अखबारी कागज से जी0 एस0 टी0 हटाने की मांग की।


– लघु एवं मझोले वर्ग के अखबारों के हित में विज्ञापन नीति-2020 में संशोधन करने की मांग उठी।
-लघु व मझोले वर्ग के अखबारों का विज्ञापन हिस्सेदारी कम करने पर सी0 बी0 सी0 की निंदा की।


कोल्हापुर, महाराष्ट्र। एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद की बैठक 16 जून को वारणा नगर स्थित शेतकारी भवन के तात्या साहेब कोरे सभागार में महाराष्ट्र इकाई के तत्वावधान में एशोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चंदोला की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
बैठक का शुभारंभ ज्ञान दायिनी देवी सरस्वती, छत्रपति शिवाजी महाराज, मराठी पत्रकारिता के जनक आचार्य बाल शास्त्री जाम्भेकर को नमन कर दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।


बैठक में श्री चंदोला ने कहा, ” लघु एवं मझोले वर्ग के अखबारों का उत्पीड़न करना अति निंदनीय है और अगर उत्पीड़न बंद नहीं किया गया तो एसोसिएशन की सभी राज्यों की इकाइयां विरोध पर उतरने को बाध्य होंगी। श्री चंदोला ने डी ए वी पी को आगाह किया है कि वो छोटे और मझोले वर्ग के अखबारों की समस्याओं को नजरअंदाज न करे और विज्ञापन की हिस्सेदारी पर अतिक्रमण करना बंद करे।”


एसोसिएशन के उत्तर प्रदेश राज्य इकाई के अध्यक्ष, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य श्याम सिंह पंवार ने कहा कि अखबारों के प्रकाशकों की समस्याओं का निराकरण करने का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है और अपने स्तर से अखबार मालिकों की ही नहीं अपितु पत्रकारों के उत्पीड़न सम्बन्धी हर मामले को प्रेस काउंसिल में उठा रहे हैं और निराकरण करवा रहे हैं।


कर्नाटक से पधारे माला बोदी ने कहा कि इस समय पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि पेनाल्टी से बचने के लिए वार्षिक रिटर्न भरने के प्रति जागरूकता लाने की आवश्यकता है। साथ ही आर एन आई द्वारा लगाई जा रही पेनाल्टी को रोकने का मुद्दा उठाया।
आंध्र प्रदेश से पधारे के0 परशुराम ने आंध्रा सरकार द्वारा किये जा रहे उत्पीड़न का मामला उठाते हुए बताया कि प्रदेश में पत्रकारों का उत्पीड़न चरम सीमा पर है।


राजस्थान से पधारे राष्ट्रीय सचिव ड्रा0 अनन्त शर्मा ने कहा कि हेल्पलाइन बनाकर प्रकाशकों की समस्याओं का निराकरण करवाने का प्रयास किया जायेगा।
गुजरात से पधारे महामंत्री शंकर एम0 कतीरा ने कहा कि अगली मीटिंग का आयोजन जल्द से जल्द करके प्रकाशकों की समस्याओं पर चर्चा करके केंद्र सरकार को अवगत कराया जाएगा।


वहीं गोपाल जी गुप्ता ने राजस्थान राज्य से प्रकाशित होने वाले अखबारों की समस्याओं पर चर्चा करते हुए कहा कि सरकार, छोटे व मझोले वर्ग के समाचार पत्रों के साथ सौतेला व्यवहार करना बंद करे। साथ ही भाषाई एकेडमी में पत्रकारों की सहभागिता करने की मांग रखी।


महाराष्ट्र राज्य इकाई अध्यक्ष प्रदीप देवीदास कुलकर्णी ने कहा कि सरकारों को छोटे व मझोले अखबारों की समस्याओं को अनदेखा नहीं करना चाहिये।
मप्र से आये अकरम खान ने पत्रकारों की उत्पीड़न सम्बन्धी घटनाओं का जिक्र करते हुए इन्हें रोकने हेतु उचित कदम उठाने की बात रखी।

कोरापुट उड़ीसा से आये राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बिनोद महापात्रा ने कहा कि अधिकार अब कोई मांगने से नहीं देता, इस लिये अधिकार मांगने की नहीं बल्कि संवैधानिक दायरे में रहकर छीनने की जरूरत है। उन्होंने लघु श्रेणी के अखबारों के सम्पादकों की पेंशन सम्बन्धी समस्या को उठाया।


इस दौरान महाराष्ट्र इकाई द्वारा एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित एसोसिएशन के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले सदस्यों को सम्मानित किया गया।
बैठक में एसोसिएशन की कोषाध्यक्ष भगवती चंदोला, महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष प्रदीप देवीदास कुलकर्णी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अप्पा साहेब पाटिल, एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव प्रवीण पाटिल, राष्ट्रीय परिषद के सदस्य चंद्रशेखर गायकवाड़, अरुण राजाराम वडेकर, गोरख तावड़े, मुकुंद जोशी, नेता जी मेश्राम, मारुति, गावड़ी, सम्राट संगर, सुमित कुलकर्णी, दत्तदेश पांडेय, अरुण वडेकर, मारुति नावलाई, तेजश्वनी सूर्यवंशी, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार, उत्तराखंड अध्यक्ष अतुल दीक्षित, गुजरात राज्य के अध्यक्ष मयूर बोरीचा, गुलाब सिंह भाटी, रमन बरोट, राजस्थान से धर्मेंद्र सोनी, गोपाल जी गुप्ता, मध्यप्रदेश से अकरम खान, कर्नाटक से वेणु गोपाल के0 नायक, तारिक वेलकर,


आंध्र प्रदेश से के0 वेंकट रेड्डी, सेंडीरेड्डी कोंडलाराव, एम0 कमल कुमार उड़ीसा से पधारे चन्द्र कांता सूतर, बिनोद महापात्र सहित अनेक अखबारों के प्रकाशक मौजूद रहे।

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