एपेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी द्वारा भारतीय फार्मेसी के जनक एवं युवाओं के रोल मॉडल 30 वर्ष की युवा अवस्था में फार्मेसी प्रोफेशन की संकल्पना व स्थापना करने वाले, पंडित मदन मोहन मालवीय, बिड़ला बंधु एवं महात्मा गांधी जैसे दिग्गजों के समकालीन, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, लेखक, संघर्षशील व्यक्तित्व, दूरदर्शी शिक्षाविद स्व. प्रो॰ एम एल श्राफ को शत शत नमन करते हुए उनकी पुन्य तिथि पर सादर सहृदय अर्पित की गई श्रद्धांजलि। इस अवसर पर आयोजित शैक्षणिक सत्र शुभारंभ करते हुए प्रधानाचार्य प्रो डॉ सुनील मिस्त्री ने बताया कि आज भारत भारत फार्मेसी में विश्व का 2सरा बड़ा निर्यातक है यह प्रो श्राफ द्वारा स्थापित किए गाये आयामों का ही परिणाम है और वो दिन दूर नहीं जब हम पहले स्थान पर होंगे। फेकेल्टी डॉ नगेंद्र
सिंह, डॉ अभय वर्मा ने च्चाट्रोन को संबोधित करते हुए भारतीय फार्मेसी को कैसे उच्च स्तर पर ले जाएँ पर अपने विचार प्रस्तुत किए। बीफार्मा अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं आकांक्षा, देवांश, सिद्धि द्वारा फार्मेसी एक सुनहरा भविष्य विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। एपेक्स के चेयरमैन डॉ एसके सिंह द्वारा एपेक्स फार्मेसी इंस्टीट्यूट की समस्त फेकेल्टी
सूरज प्रजापति, राम मनोहर यादव, अनुराधा साही द्वारा आयोजित इस स्मृति दिवस की सराहना करते हुए प्रो श्राफ के महान योगदान के समक्ष अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।