मिर्जापुर इन दिनों लोक निर्माण विभाग काफी चर्चा में है ।समूचे जनपद में हेलीपैड के मामले को लेकर हुए किरकिरी के चलते लोक निर्माण विभाग के प्रशासनिक अधिकारी श्यामलाल अभद्रता पर उतर गए हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक समाचार कवरेज करने गए पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। कुछ दिन पूर्व समाचार पत्रों में हेलीपैड के भ्रष्टाचार पर छपी खबर के तहत जानकारी संग्रह करने के आशय से दो पत्रकार लोक निर्माण विभाग पहुंचे थे ,दोनों पत्रकारों को खबर ना छापने की धमकी के साथ देख लेने की भी बात कही गई है ।पत्रकारों ने कहा कि जब तक घटना से पर्दाफाश नहीं हो जाता तब तक वो खबरों का संकलन और प्रकाशन कराते रहेंगे ।भरुहना चौकी इंचार्ज के द्वारा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के निर्देशन में समस्त ईट बिनानी डिग्री कॉलेज से हटाए जाने की बात कही गई थी ,जिसकी पुष्टि के लिए पत्रकार के द्वारा अधिकारियों से दूरभाष के माध्यम से संपर्क साधा गया। अधिकारी ने कार्यालय आकर बात करने की बात कहते हुए फोन काट दिया था ।जानकारी संग्रह करने के आशय से पहुंचे पत्रकारों को खबर रोकने की धमकी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि काफी अरसे से श्यामलाल यहां टिके हुए हैं इनके जांच की मांग भी उठने लगी है लोगों का आरोप है कि श्यामलाल कि अगर इमानदारी से जांच हो जाए तो इनके द्वारा भ्रष्टाचार के कई राज उजागर हो सकते हैं। बताते चलें कि मिर्जापुर में गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन के मद्देनजर हेलीपैड का निर्माण बिनानी कॉलेज के प्रांगण में कराया गया था मिली जानकारी के मुताबिक हेलीपैड में इस्तेमाल ईंट के प्रयोग के पश्चात पीडब्ल्यूडी के संरक्षण में या तो पुलिस लाइन में पुलिस की निगरानी में रखा जाना था ,लेकिन ईट का बंदरबांट हो जाने की सूचना प्राप्त हो रही थी । अधिकारी श्यामलाल के द्वारा आखिर क्यों खबर को दबाने की कोशिश की गई खबर करने वाले पत्रकारों को धमकी दी गई यदि इसकी जांच हो जाए तो भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी का भी पर्दाफाश हो सकता है।
भ्रष्टाचार की पोल खुलता देख भड़के प्रशासनिक अधिकारी
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