हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है ये बात जग जाहिर है ।परन्तु त्रुटिपूर्ण हिंदी की आस भारत के कुछ राज्यों में तनिक भी नही की जा सकती ।लेकिन ऐसा एक मामला हम आपको बताने व् दिखाने जा रहे है जिसको देखकर आप अधिकारीयों की लापरवाही और उनकी इच्छा शक्ति का आंकलन स्वतः लगा लेंगे ।मामला मिर्ज़ापुर मुख्यालय के सिटी ब्लॉक का है जंहा सिटी ब्लॉक के परिसर की दीवारों पर कई जगह स्लोगन लिखे गए है ,जिसमे चार लाइन के स्लोगन में एक नहीं,दो नहीं,पांच पांच गलतियां है ।यह गलती सिर्फ किसी मामूली पेंटर की गलती से हुआ हो ऐसा सम्भव प्रतीत नही होता ।चुकी परिसर के सबसे बड़े अधिकारी BDO ऑफिस के ठीक बाहर ही त्रुटिपूर्ण शब्दों को बड़े और मोटे अक्षरों में लिखकर यह बताया जा रहा है की हिंदी भले ही राष्ट्रभाषा हो मग़र चूंकि भाषा राष्ट्र की है इसलिए ये घोर लापरवाही बर्दाश्त के योग्य है ।यह जानकर पिछले 3 महीनो से खुलेआम हिंदी भाषा का अपमान किया जा रहा है ।कार्यालय में उपस्थित लोगों ने बताया की सन्देश के पीछे उद्देश्य भले ही पाक व् पवित्र हो परन्तु गलत ढंग से शब्दों को लिखना वो भी उच्च अधिकारीयों के निर्देश पर त्रुटियुक्त स्लोगन हास्य का कारण ही नहीं साबित हो रहा है बल्कि सर झुकाने के लिए शर्म का कारण भी बन रहा है ।जब इस विषय पर BDO से पूछा गया तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए इसपर केमेरे के सामने बोलने से इनकार कर दिया ।अब तक कई हजार आगन्तुकों को दिग्भ्रमित करने वाला ये उच्चारण इतने लम्बे समय से क्यों नही ठीक कराया गया ।यह बड़ा सवाल आम जनमानस के बीच सुनाई दे रहा है ।इस सम्बन्ध में BDO ने दीवारों पर लिखे इन हास्यास्पद व त्रुटिपूर्ण शब्दों के लिखे जाने की जानकारी देने के बाद भी उठकर देखने की जहमत उठाना भी लाज़मी ना समझा ।इससे एक बड़ा सवाल यह भी उठता है कि, क्या सिर्फ पेंटर के बजट पास करने तक का ही अधिकारीयों की जिम्मेदारी है ? या उसपर क्या लिखा जा रहा है इससे भी कोई सरोकार है ?
मामला मिर्ज़ापुर मुख्यालय के सिटी ब्लॉक का है
आज ही डाउनलोड करें
विशेष समाचार सामग्री के लिए
Downloads
10,000+
Ratings
4.4 / 5