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मिर्जापुर का जनपद न्यायाधीश कैंपस कंटेनमेंट क्षेत्र में ऐसे में जारी हुआ नया आदेश

माननीय उच्च न्यायालय , इलाहाबाद के द्वारा जारी निर्देश , पत्रांक सं 0 1298 / LXxxVII CPC / e – Courts / Allahabad / Dated : 28 July 2020 3941617 Ariffen Adri किये जाते हैं । जनपद न्यायालय परिसर वर्तमान में जिलाधिकारी मिर्जापुर की दैनिक आख्या के आधार पर कन्टेनमेन्ट जोन की परिधि में है । ऐसी परिस्थिति में माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुकम में दिनांक 30.07.2020 से अग्रेतर आदेश तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से निम्नलिखित न्यायालयों में उसके सामने अंकित समयावधि के दौरान सुनवाई की जायेगी : सत्र न्यायाधीश प्रातः 11:00 बजे से 12:00 बजे तक विशेष न्यायाधीश , एस.सी. / एस.टी . एक्ट – दोपहर 1200 बजे से 12.30 बजे तक 3 विशेष न्यायाधीश , ई.सी. एक्ट अपराहन 12.30 बजे से 01:00 बजे तक विशेष न्यायाधीश , पाक्सो एक्ट अपराहन 01:00 बजे से 01:30 बजे तक 5 विशेष न्यायाधीश , गैंगेस्टर एक्ट / एफ.टी.सी. – 1 अपराहन 01:30 बजे से 02:00 बजे तक 6 विशेष न्यायाधीश , एन.डी.पी.एस. एक्ट / एफ.टी.सी. – 2 – अपराहन 02:00 बजे से 02:30 बजे तक 7 मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट , मिर्जापुर । – दोपहर 12.00 बजे से 01:00 बजे तक सिविल जज ( सी 0 डि ० ) मिर्जापुर । – अपराहन 01:00 बजे से 01:30 बजे तक सिविल जज ( जूडिश ) मिर्जापुर । अपराह्न 01:30 बजे से 02:00 बजे तक 10 सिविल जज ( जूडिश ) , चुनार मिर्जापुर । – दोपहर 12:00 बजे से 01:00 बजे तक उपर्युक्त न्यायालयों के पीठासीन अधिकारीगण के द्वारा उपरोक्त विषयांकित पत्रांक के प्रस्तर दो में दिये गये प्रकृति के मामलों की सुनवायी की जायेगी । उपरोक्त के अतिरिक्त यदि किसी अन्य प्रकृति के मामले की सुनवाई अपरिहार्य है तो जनपद न्यायाधीश के पूर्व अनुमति के उपरान्त की जायेगी । नोडल अधिकारी कम्प्यूटर , मिर्जापुर को निर्देशित किया जाता है कि वह अधिवक्तागण के द्वारा ई – मेल से प्रार्थनापत्र भेजे जाने के लिए इस हेतु पूर्व में पृथक से सृजित ई – मेल आई 0 डी 0 demir@nic.in का और अधिक व्यापक प्रचार प्रसार किया जाय । अधिवक्तागण के द्वारा ई – मेल के माध्यम से भेजे गये प्रार्थनापत्र में अधिवक्तागण / पक्षकारों के विवरण , जिसमें उनका मोबाइल नम्बर तथा ई – मेल आई 0 डी 0 शामिल होना चाहिए । कम्प्यूटर सेक्शन के द्वारा ई – मेल से प्राप्त प्रार्थनापत्रों को डाउनलोड किया जायेगा तथा C.I.S. पर यथाशीघ्र उन्हें दर्ज किया जायेगा । यदि किसी प्रार्थनापत्र में कोई कमी पायी जाती है तो उस कमी के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिवक्तागण को उसी दिन अवगत करा दिया जाय । जिन प्रार्थनापत्रों में कोई कमी नहीं है अर्थात जो हर प्रकार से पूर्ण है , उन्हें C.I.S. के माध्यम से सृजित काज लिस्ट में 48 घण्टे के उपरान्त अथवा प्रभावी विधि के अंतर्गत दिये गये समयावधि में लिस्ट किया जायेगा । केवल ऊपर वर्णित अर्जेन्ट प्रार्थनापत्र ही C.I.S. की काज लिस्ट में दर्ज किया जायेगा , अन्य मामलो में सामान्य तिथि नियत की जायेगी । सामान्य तिथि नियत करने में वही प्रक्रिया अपनायी जायेगी , जो वर्तमान में चल रही है । नोडल अधिकारी ‘ कम्प्यूटर को निर्देशित किया जाता है कि अपने अधीन सिस्टम अधिकारी / सहायक सिस्टम अधिकारी तथा अन्य तकनीकी स्टॉफ को उपरोक्त कार्य हेतु कार्य आवंटित कर दें । ई – मेल से प्राप्त जनानत प्रार्थनापत्रों की प्रतियाँ अभियोजन / जिला शासकीय अधिवक्ता ( दाण्डिक ) को उपलब्ध कराया जाय । इस हेतु सिस्टम अधिकारी उक्त प्रतियाँ जिले में तैनात जिला शासकीय अधिकारी तथा सहायक अभियोजन अधिकारी को उनके ई – मेल के माध्यम से भी प्रेषित कर सकते हैं । मुझे अवगत कराया गया है कि पूर्व से ही जनपद न्यायालय में एक हेल्प लाईन नम्बर 05442-252346 वर्तमान में कार्यरत है । इसे और सुदृढ़ बनाया जाय05442-252346 वर्तमान में कार्यरत है । इसे और सुदृढ़ बनाया जाय तथा इसका व्यापक प्रचार – प्रसार Scanned with CamScanner किया जाय । केन्द्रीय नाजिर को निर्देशित किया जाता है कि इस हेल्प लाईन पर कार्यालय अवधि के दौरान किन्ही सक्षम कर्मचारी की ड्यूटी लगायें किन्तु ऐसे सभी कर्मचारी कोविड -19 के सम्बन्ध में माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा तथा केन्द्र सरकार व उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा जारी किये गये दिशानिर्देशों का अक्षरशः पालन करना सुनिश्चित करेंगे । सिस्टम अधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि वह ई – कोर्ट ऐप तथा Jitsi App के बारे में अपने स्तर से अधिक से अधिक अधिवक्तागण को जानकारी दें । इस सम्बन्ध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण की मदद भी ली जा सकती है । इसी प्रकार वीडियो कान्फेसिंग के माध्यम से सुनवाई किये जाने की प्रक्रिया के सम्बन्ध में जानकारी भी अधिक से अधिक अधिवक्तागण से साझा किया जाय । इस सम्बन्ध में जिला बार एसोसिएशन मीरजापुर के पदाधिकारियों से वार्ता भी की जा चुकी है । उपरोक्त वर्णित न्यायिक अधिकारी अपने आवासीय कार्यालय से . वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करेंगे , जिस हेतु Jitsi Video Conferencing Software का प्रयोग किया जा सकता है । सम्बन्धित न्यायिक अधिकारियों के द्वारा इस एप का लिंक सम्बन्धित अधिवक्ता / अभियोजन के साथ साझा किया जायेगा , ताकि वह वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बन्धित न्यायिक अधिकारियों के आवासीय कार्यालय से संचालित होने वाले उक्त लिंक के माध्यम से सम्बन्धित प्रार्थनापत्रों की सुनवाई कर सकें । यह स्पष्ट किया जाता है कि अधिवक्ता न्यायालय परिसर के बाहर किसी भी स्थान से वीडियो कान्फ्रेसिंग की सुनवाई में भाग ले सकते हैं । वीडियो कान्फेसिंग से सुनवाई करते समय तथा प्रार्थनापत्रों का निस्तारण करते समय सभी विधिक प्राविधानों का कड़ाई से अनुपालन किया जायेगा । वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से सुनवाई करने के लिए सम्बन्धित पीठासीन अधिकारी अपने विवेकानुसार न्यूनतम आवश्यक स्टॉफ की सेवा लेंगे । यदि किसी न्यायिक अधिकारी का निवास कन्टेनमेन्ट जोन में घोषित कर दिया जाता है , तो वह अविलम्ब मुझे सूचित करें ताकि उन अधिकारी का कार्य किसी अन्य अधिकारी को सौंपा जा सके । स्पष्ट किया जाता है कि अग्रेतर आदेश तक न्यायालय परिसर के अन्दर किसी भी विद्वान अधिवक्ता अथवा पक्षकार का प्रदेश पूर्णतया प्रतिनिषिद्ध रहेगा । सभी न्यायिक अधिकारीगण को निर्देशित किया जाता है कि वह कृत कार्यवाही से सम्बन्धित दैनिक रिपोर्ट नियत प्रारूप पर प्रशासनिक कार्यालय को ससमय उपलब्ध करायें ताकि यह रिपोर्ट दैनिक रूप से सी 0 पी 0 सी 0 , माननीय उच्च न्यायालय , इलाहाबाद को प्रेषित किया जा सके । स्टेटमेंट क्लर्क / सिस्टम अधिकारी इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें । सत्र न्यायालय से सम्बन्धित माननीय उच्च न्यायालय के जमानत आदेशों का अनुपालन , जमानतनामे तस्दीक कराये जाने , रिहाई आदेश भेजे जाने आदि का कार्य सम्बन्धित कार्यरत न्यायालय , अथवा उसके लिंक अधिकारी के द्वारा किया जायेगा । मजिस्ट्रेट न्यायालय से सम्बन्धित उपरोक्त कार्य के सम्बन्ध में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अपने स्तर से व्यवस्था किया जाना सुनिश्चित करें । पुनः स्पष्ट किया जाता है कि सभी सम्बन्धित अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण कोविड -19 से बचाव के सम्बन्ध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय , माननीय उच्च न्यायालय , केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार के द्वारा समय – समय पर जारी उक्त दिशानिर्देश का कड़ाई से पालन करेंगे । इस आदेश की एक प्रति जिला न्यायालय के आधिकारिक वेबसाईट पर अपलोड की जाये । . इस आदेश की एक प्रति बार एसोसिएशन , मीरजापुर को प्रेषित की जाये तथा एक प्रति जिला सूचना अधिकारी , मीरजापुर को इसे दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित कराये जाने हेतु

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