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मिर्जापुर के नए ट्रामा सेंटर में बिना तनख्वाह नौकरी करने पर मजबूर डॉक्टर

वीरेंद्र गुप्ता मिर्जापुर 94 53 82 1310 ,
जी हां मिर्जापुर महिला अस्पताल में ट्रामा सेंटर के नाम से मशहूर इस अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर की माने तो इनको पिछले 5 महीने से एक भी रुपया तनखा नहीं मिला है ।ऐसे में डॉक्टर्स क्या करें? इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है ।लेकिन जानकार इस सवाल का जवाब सीधा सीधा जानते हैं उनके मुताबिक यदि किसी भी कर्मचारी को तनखा नहीं मिलेगा तो भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। पूरे कैंपस में भ्रष्टाचार चरम पर होगा ।सरकार के गाइडलाइन का खुला उल्लंघन होगा, और इन सब के दौरान जनता पीसी जाएगी ,लूटी जाएगी और हताहत होगी और हो भी यही रहा है। इस अस्पताल में नाम न छापने की शर्त पर कर्मचारियों ने बताया कि उनको पिछले 5 माह से तनखा नहीं दिया जा रहा है । डॉक्टर बाहर की दवाई मरीजों को लिखते हैं। मरीजों को बाहर रेफर कर देते हैं ।प्राइवेट अस्पतालों में रेफर कर देने से मोटी रकम भी होनी पक्की हो जाती है। दवाई में जो कमीशन मिलता है वह सर्वविदित है ।ऐसे में मुख्यालय के नजदीक अस्पताल में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है आखिर इस चीज का आभास जिला प्रशासन को क्यों नहीं । मुख्य चिकित्सा अधिकारी की क्या जिम्मेदारी है ,आज लोग जानना चाहते हैं। अरबों खरबों रुपए का बनाकर सरकार ने जिस अस्पताल को मरीजों की सेवा के लिए तैयार किया है इस आशय से तैयार किया है कि गरीब जनता जिला अस्पताल का जब उपयोग करेगी तो उसको बाहर के प्राइवेट अस्पतालों की महंगी मायाजाल से मुक्ति मिलेगी ।लेकिन इस अस्पताल में मौजूद डॉक्टर का जाल प्राइवेट अस्पताल तक जाकर रुक जाता है ।पीड़ितों की माने तो यदि ईमानदारी से जांच हो जाए तो अस्पताल में भर्ती मरीज कितने प्राइवेट हॉस्पिटल में रेफर किए गए , चौकाने वाला रिजल्ट सामने आ सकता है। नाम न छापने की शर्त पर यहां तक बताया गया कि अस्पताल में जितने डॉक्टर रजिस्टर पर हस्ताक्षर करते हैं वास्तव में वो मौके पर नहीं होते। शायद यही कारण है कि अस्पताल के दुर्व्यवहार का दंश राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष ने भी झेला। राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री की पत्नी को जब डिलीवरी हुआ तो उनको गर्म पानी भी नहीं मिल पाया इतने बड़े अस्पताल में गर्म पानी देने के लिए भी कर्मचारियों की अपेक्षा मरीजों से कई गुना बढ़ जाती है ,क्योंकि आखिरकार यह कर्मचारी कितने दिन बिना तनखा का काम करेंगे।

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