मिर्जापुर के लोअर खजूरी को एक्वाटूरिज्म के रूप में विकसित करने की तैयारी जोरों पर

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मुख्य विकास अधिकारी द्वारा लोवर खजुरी जलाशय का किया गया निरीक्षण

मीरजापुर 21 जून 2022- अपर मुख्य सचिव उ0प्र0 शासन दुग्ध विकास, मत्स्य, पशुधन तथा समन्वय विभाग लखनऊ द्वारा दिनांक 17.06.2022 को ली गयी समीक्षा बैठक में लोवर खजुरी जलाशय को एक्वाटूरिज्म के रूप में विकसित करने के लिए दिये गये निर्देश के क्रम में आज दिनांक 21.06.2022 को विभागीय अधिकारी उप निदेशक मत्स्य, विन्ध्याचल मण्डल, सहायक निदेशक मत्स्य, मीरजापुर एवं जलाशय ठेकेदार के साथ संयुक्त रूप से निरीक्षण किया गया। लोवर खजुरी जलाशय पर्यटन की दृष्टि से सर्वथा उपयुक्त एवं अप्रोच रोड पर अवस्थित है। इस जलाशय के पश्चिमी छोर पर सिंचाई विभाग का अतिथि गृह है। जलाशय का कुल क्षेत्रफल 107 हेक्टेयर है एवं मुख्य बाँध से अन्तिम छोर की लम्बाई लगभग 02 किमी0 एवं औसत चैड़ाई लगभग 250-300 मीटर एवं औसत गहराई लगभग 08 मीटर है। वर्तमान में जलाशय का औसत जलक्षेत्र लगभग 60 हेक्टेयर में फैला है। यह जलाशय दोनों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है और एक सुंदर झील सा प्रतीत होता है। जलाशय की स्थिति प्राकृतिक रूप से आकर्षक है तथा पर्यटकों को आकर्षित करने की दृष्टि से सवर्था उपयुक्त है। वर्तमान में इस जलाशय का ठेका दिनांक 22.06.2021 से प्रारम्भ होकर 0.06.2031 तक का है जलाशय के ठेकेदार कु0 नंदिता निषाद, निवासी ग्राम भगीरथपुर, पो0- सोमनपुर जिला मीरजापुर है, जिसकी निविदा प्रथम वर्ष रू0 1,80,000 है, जो प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत वृद्धि के साथ 10 वर्ष के लिए है यह जलाशय विन्द्रम फाल और खडंजा फाल के नीचे स्थित है। यह खड़ंजा फाल से बिल्कुल लगा हुआ है। नगर मुख्यालय से लगभग 07 किमी0 दूरी पर अप्रोच रोड पर स्थित होने के कारण पर्यटकों के आवागमन के लिए भी सुविधाजनक है। अतः जलाशय की प्राकृतिक स्थिति एवं पर्यटकों के पहुॅच के दृष्टिगत यह जलाशय पर्यटन की दृष्टि से एक्वाटूरिज्म के रूप में विकसित करने हेतु सवर्था उपयुक्त है।