₹10 का स्टांप यदि 15 या ₹20 में बिकता है, तो यह कानूनी रूप से अवैध है।
भारत में स्टांप अधिनियम, 1899 के तहत, स्टांप की बिक्री की दरें सरकार द्वारा निर्धारित की जाती हैं। इस अधिनियम के तहत, स्टांप की बिक्री की दरें निम्नलिखित हैं:
– ₹10 का स्टांप: ₹10 में बिकना चाहिए
यदि कोई व्यक्ति ₹10 का स्टांप 15 या ₹20 में बेचता है, तो यह स्टांप अधिनियम, 1899 के तहत अवैध है। ऐसा करने पर, व्यक्ति को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें जुर्माना और यहां तक कि जेल की सजा भी शामिल हो सकती है।
इसलिए, यदि आप ₹10 का स्टांप खरीदना चाहते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप इसे सरकार द्वारा निर्धारित दर पर खरीद रहे हैं, जो ₹10 है।मीरजापुर में लूट सको तो लूट लो की कहावत चरितार्थ हो रही है। ना कोई रोकने वाला है ना कोई छापेमारी ना कोई इंक्वारी ना कोई जांच ₹10 का स्टांप लेकर शपथ पत्र बनवाने वाले को हर कोई लूट रहा है।
₹10 का स्टांप₹100 में लोग खरीदने को मजबूर हैं स्टांप विक्रेता ₹10 के स्टांप पर ₹10 का टिकट लगाकर नोटरी करके अगर ग्राहकों को देते हैं तो सीधे उसका रेट ₹100 हो जाता है और अगर बिना टिकट बिना नोटरी का स्टांप लेने जाने पर कहीं ₹15 तो कहीं ₹20 खुलेआम चार्ज किया जा रहा है ।जानकारों की माने तो कमीशन के नाम पर स्टांप विक्रेताओं की मनमानी के चलते लोग लूटने को मजबूर हैं ।कटरा कोतवाली क्षेत्र हो या सिटी कोतवाली में कचहरी परिसर हो, केबी डिग्री कॉलेज के पास खुलेआम ₹10 का स्टांप सो रुपए में बिक रहा है बिना मैटर लिखे बिना वकील के दस्तक हस्ताक्षर के आपको वहां पर नोटरी का मोहर लगा₹10 का स्टांप ₹100 में मिल जाएगा ना कोई नियम ना कोई कानून नोटरी कौन करता है असली नोटरी का मोहर लगता है या
नकली लगता है यह भी जांच का विषय हो सकता है कुछ लोगों ने नोटरी का फर्जीवाड़ा की भी संभावना जताई है।