समाचारमिर्ज़ापुर में व्यापार करने के पहले एक हजार बार सोचे --नहीं...

मिर्ज़ापुर में व्यापार करने के पहले एक हजार बार सोचे –नहीं है माहौल रोजगार का कहा मृतक व्यवसाई के परिजनों ने

मिर्ज़ापुर में व्यापार करने के पहले एक हजार बार सोचे , नहीं है माहौल रोजगार का कहा मृतक सराफा व्यवसाई के परिजनों ने |मामला 16/10/2016 को सिटी कोतवाली थाना छेत्र के चुनी मुनी गली निवासी यश सेठ (२१) का है, जो ज़ेवर ले कर मड़िहान थाना छेत्र में व्यपार करने गया था| लौटते वक्त बदमाशो की नजर उसपर पडी व गोली मारकर रूपया व गहना से भरा बैग ले कर बदमास भागने में सफल रहे| घटना के बाद मिर्ज़ापुर मंडलीय अस्पताल के डॉक्टरों ने ट्रामा सेण्टर वाराणसी रेफेर कर दिया था पिछले कई दिनों तक ट्रामा सेण्टर में भर्ती रहने के बाद आज सुबह भोर में उसकी मौत हो गई | इस नवयुक व्यपारी की मौत ने पूरे व्यपारियो के सामने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया , की व्यपारी व्यापार करे या उतर प्रदेश छोड़ कर सम्वेदन शील प्रदेश में जाए , क्योकि उत्तरप्रदेश में सरकार के साथ समस्त जनप्रतिनिधी भी संवेदन हीन जैसे दिखाई पड़ते है| यश का सारा कमाया धन लूटेरो ने लूट लिया २१ दिनों से जीवन के लिए संघर्ष करता रहा,लेकिन मौत जीत गयी यश हार गया |अस्पताल में भी बाकी घर में बचा रकम ख़त्म हो गया | कैसी व्यवस्था है ? बदमाश सड़क पर खुले आम घूम रहे है जिसको गोली लगी जान से भी जा रहा है और धन भी जा रहा है |पिछले २१ दिनों में जनपद का कोई नेता / जनसेवक हाल जानने नहीं पहुचा , की इलाज कैसे हो रहा है परिजनों ने बताया की यदि इलाज बड़े शहर में होता तो यश की जिंदगी बच सकती थी | साधन के अभाव में मौत जीत गयी | जो सरकार उचित मौहोल व्यपार के लिए दे पाने में असमर्थ है क्या वो सरकार जान भी नहीं बचा सकती थी बड़ा सवाल जबकी गोली हाथ में लगी थी फिलहाल जनपद में नए पुलिस कप्तान से लोगो में आश जगी है की बदमाश पकडे जायेगे जिससे मृतक के परिजनों को व यश के साथ कुछ तो न्याय हो वर्ना यश के परिवार का तो यश वैभव सबकुछ ख़त्म हो गया |
ऐसी दशा में मृतक के परिजनों ने अंतिम उम्मीद यही लगाया है की कम से काम पोस्टमार्टम करने में पुलिस देरी न करे क्योकी यश भले ही पिछले २१ दिनों से वेंटीलेटर पर रहा हो लेकिन मृतक के परिजन का हाल कोमा में हो ,जैसा रहा है| वाराणसी की पुलिस १२ बजे दोपहर तक नहीं पहुची थी लाश लेने जबकी यश की मृतु भोर में ३ बजे हो चुकी है |संवेदना की कमी ने कई सवाल समाज के सामने खड़े कर दिए है |

आज ही डाउनलोड करें

विशेष समाचार सामग्री के लिए

Downloads
10,000+

Ratings
4.4 / 5

नवीनतम समाचार

खबरें और भी हैं