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मुख्यमंत्री अगर महिला अस्पताल में लग रहे आरोपों का भी जानकारी कर लेते तो अच्छा होता


मिर्जापुर में मुख्यमंत्री निर्धारित समय से पहुंचने के बाद सीधे मंडलीय अस्पताल में ऑक्सीजन जनरेटर का लोकार्पण कर दिया । उसके पश्चात इंटीग्रेटेड कोविड़ सेंटर का भी निरीक्षण किया ।इंटीग्रेटेड कोविड-19 कलेक्ट्रेट परिसर में बनाया गया है। जनपद वासियों की आस जगी थी कि मुख्यमंत्री का आगमन हो रहा है विगत 1 महीनों से कोरोना संक्रमित मरीजों की दुर्दशा झेल रहे लोगों के लिए मुख्यमंत्री के द्वारा विशेष हिदायत दी जाएगी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ ना तो मुख्यमंत्री के द्वारा ऐसे लोगों के ऊपर कोई कार्यवाही की गई जिन्होंने विगत 1 महीने से संक्रमित होने के बाद भी उनको सरकारी दवाई नहीं मिल पाई और ना ही कोई हालचाल लेने वाला था । ऐसे में भगवान भरोसे स्वस्थ हुए लोगों को यह आस्था जगी थी कि मुख्यमंत्री आएंगे और अपनी व्यवस्था को दुरुस्त करेंगे ,ताकि दोबारा ऐसी संवेदनहीनता देखने को ना मिले ।लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ हद तो तब हो गई जब पिछले 3 दिनों से लगातार जिला अस्पताल महिला वार्ड में मरीजों से अवैध रुपए लिए जाने की शिकायत बच्चे बच्चे के जुबान पर थी लेकिन किसी अधिकारी ने मुख्यमंत्री को बताना लाजिमी नहीं समझा ।भ्रष्टाचार के आरोपों से शिरोमणि हुए जिला अस्पताल और महिला जिला अस्पताल में होकर मुख्यमंत्री निकल गए ।लेकिन जिला अस्पताल में तीमारदार की पिटाई के बाद अभी तक कोई मुकदमा न लिखे जाना और गंभीर आरोप का जिक्र तक से किसी ने नहीं किया ।कुछ चुनिंदा पत्रकार को बैठाकर पत्रकार पत्रकार वार्ता का कोरम भी किसी तरीके से पूरा कर लिया गया ।तमाम पत्रकारों को प्रेस वार्ता के नाम पर आयोजित प्रेस वार्ता में भी सम्मिलित होने से रोक दिया गया ।तमाम यातायात व्यवस्था बुरी तरीके से प्रभावित रहा ।जिला अस्पताल कचहरी रामबाग संकटमचन आदि मार्गों पर मरीज बिलखते नजर आए। दुकाने आसपास की बंद करा दी गई थी डायग्नोस्टिक सेंटर पर भी मरीज नहीं पहुंच पा रहे थे ।लगभग 3 घंटे मुख्यमंत्री की मौजूदगी के दौरान कई मरीज इलाज से वंचित रहें ।कई वीडियो शहर में वायरल होते रहे जिसमें धक्का-मुक्की बड़े-बड़े नेताओं के साथ बड़े पत्रकारों के साथ पुलिस की होती नजर आ रही थी। कुल मिलाकर अब जब कोरोना मरीजों के मिलने का सिलसिला अत्यधिक कम हो गया है पिछले 3 दिन से मरीजों के मिलने की संख्या बहुत कम रही है ।कभी पांच कभी सात कभी दस उसके बाद मुख्यमंत्री का मिर्जापुर में दौरा कई सवालों को जन्म देता है ।स्थानीय लोगों का कहना है कि जब स्थिति बद से बदतर थी जब त्राहिमाम त्राहिमाम मचा था अस्पतालों में कोई सुनने वाला नहीं था जांच स्थल पर हजारों की भीड़ थी ऐसे में सारी व्यवस्था क्यों ध्वस्त हो गई थी ,इस पर मुख्यमंत्री के द्वारा क्यों नहीं कार्रवाई की गई। जिला अस्पताल में फैले भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री ने कोई एक्शन क्यों नहीं लिया ,जैसे तमाम सवाल जनता के बीच गूंज रहे हैं। प्रधानमंत्री केयर फंड से लगभग पचपन लाख से निर्मित ऑक्सीजन जरनटर रूम का लोकार्पण मंडल अस्पताल में किया गया जिसके चलते लोग अब राहत महसूस कर रहे हैं।
फिलहाल मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश में संक्रमण पर नियंत्रण तेजी से पाया जा रहा है आने वाले दिनों में कॉमन सेंटरों में भी वैक्सीनेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी 2 गज की दूरी और मास्क है जरूरी पर लोगों को जागरूक करते दिखाई दिए। मास्को को कैसे लगाएं इस पर भी मुख्यमंत्री के द्वारा लोगों को जानकारी दी गई संभावित तीसरे लहर पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरे लहर की संभावना पर मिर्जापुर में भी काम तेजी से किया जा रहा है जिसमें बच्चों के अस्पताल के निर्माण से लेकर मिर्जापुर में मौजूद मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था और दुरुस्त की जा रही है मिर्जापुर में मौजूद मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को कई नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं सारे कर्मचारियों अधिकारियों विभाग के समस्त लोगों के अलावा जनप्रतिनिधियों और ग्राम प्रधानों से भी मिलकर संक्रमण के खिलाफ लड़ने की एकजुटता के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को मिलकर इस लड़ाई को लड़ना है ताकि हम सब इस लड़ाई से अतिशीघ्र विजई हो जाए। मुख्यमंत्री ने नू आंव गांव में दौरा किया।

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