समाचारराजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नहीं दे रही है लोगों को दवाएं, मिर्जापुर

राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नहीं दे रही है लोगों को दवाएं, मिर्जापुर

वीरेंद्र गुप्ता ,9453821310
मिर्जापुर जय हिंद मानवाधिकार मिर्जापुर के संगठन के लोगों ने जनपद मिर्जापुर में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में चल रहे लापरवाही को उजागर करने का बीड़ा उठाया है। संगठन के लोगों का आरोप है कि इस आयुर्वेदिक चिकित्सालय में समय से किसी भी मरीज को दवा नहीं मिलता जिससे स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है।केंद्र की सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार निरंतर लोगों के स्वास्थ्य का ख्याल रखने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों के अंदर जब तक पूरी कार्य के प्रति ईमानदारी समाज के प्रति निष्ठा और मानवीय संवेदना नहीं होगी तब तक सरकार के बेहतर मनसा को जन-जन तक नहीं पहुंचाया जा सकता ।इसका एक सीधा उदाहरण उस वक्त देखने को मिला जब ग्रामसभा पथरोर और थाना लालगंज क्षेत्र, जिला मिर्जापुर में स्थित इस गांव में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नजदीक से देखने का मौका मिला। चिकित्सालय अपने में रो रहा है ।चिकित्सालय पर गिद्धों की नजर लग गई है। क्षेत्रीय इलाके के दबंगों के रहने का अड्डा साबित हो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि चिकित्सालय में दबंगों के कब्जे के चलते डॉक्टर नहीं पहुंच रहे हैं। ना कोई दवा लोगों को मिल रहा है मरीज जाते हैं मरीज वापस आ जाते हैं आने जाने में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ।आसपास के लोगों को उस वक्त बहुत ही खुशी महसूस हुई थी जब यह चिकित्सालय बनकर तैयार हुआ था ।ग्रामीणों को लग रहा था कि अब हमारा गांव स्वस्थ होगा ।शारीरिक समस्या ग्रामीण स्तर पर ही निपटा ली जाएगी। दूरदराज इलाकों में छोटी-मोटी समस्याओं को लेकर नहीं जाने की जरूरत पड़ेगी ।लेकिन आज भी स्थानीय ग्रामीण छोटी-छोटी शारीरिक समस्या की वजह से कई किलोमीटर दूर दवा और डॉक्टर से मिलने जाते हैं ।सरकार ने इन्हीं के क्षेत्र में बिल्डिंग बनवा कर डॉक्टर की नियुक्ति कर दी है। सरकार का दावा है कि किसी भी अस्पताल में औषधियों की कमी नहीं है ।लेकिन यहां देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है ना औषधि है न डॉक्टर हैं, इस क्षेत्र में है तो सिर्फ पीड़ित मजबूर ग्रामीण हैं, और दबंगों का बोलबाला चरम पर है।स्थानीय लोगों ने मांग किया है कि जो जो कर्मचारी यहां तनखा उठा रहे हैं सभी की जांच होनी चाहिए। क्या वह तनखा लेने के हकदार हैं ।सरकार को करोड़ों का चूना लगाने वाला चिकित्सालय क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है ।लेकिन जनपद में ना किसी जनप्रतिनिधियों ने न जिला प्रशासन ने चिकित्सालय की सुध ली है ।राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय राज्य के पूरे छवि को धूमिल कर रहा है। और ऐसी हरकत ऐसा कुकृत्य और ऐसी व्यवस्था जो पूरे राज्य की छवि को धूमिल करती हो इस कृत्य में संलिप्त लोगों को कतई माफ नहीं किया जाना चाहिए । लोगों ने कठोर कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों के हक के स्वास्थ्य संबंधित सुविधाओं को बंद करके रखना अपराध की श्रेणी में आता है।

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