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रायपुर पोख्ता गांव में आयोजित श्रीशिव महापुराण ज्ञान यज्ञ का षष्टम दिवस संपन्न

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जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानंद तीर्थ महाराज की पावन सानिध्य में विकासखंड सिटी के रायपुर पोख्ता गांव में शंकराचार्य आश्रम पर आयोजित श्री शिव महापुराण ज्ञान यज्ञ षष्टम दिवस में उपस्थित भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए बताएं कि- चरित्र की पवित्रता के लिए भाव की पवित्रता चाहिए समस्त कर्मों के मूल में इच्छा होती है इच्छा के मूल में ज्ञान होता है यदि हमारा ज्ञान शुद्ध होगा तो इच्छा भी शुद्ध होगी और कर्म भी शुद्ध होगा हमारी बुद्धि जितनी भी पवित्र होगी उतनी पवित्र इच्छा हमारे जीवन में आएगी और जितनी पवित्र इच्छा होगी उतने ही पवित्र कर्म हमारे जीवन में होंगे ,इसलिए मनुष्य को चरित्र की पवित्रता के लिए भाव की पवित्रता चाहिए मनुष्य का जीवन ज्ञान भक्ति और धर्ममय होना चाहिए कोई भी कार्य करने से पहले अपने चित में कल्पना करनी चाहिए और यह स्मरण रहे कि भगवान सबके हृदय में बैठे हैं उनका ध्यान करने के पश्चात ही कार्य की शुरुआत करनी चाहिए सबके हृदय में बैठे हुए भगवान के प्रति हमारे हृदय में सेवा का भाव उदय हो । यही भक्ति का उद्देश्य है श्री शिव महापुराण में लोकमंगल की कामना की गई है ।महाराज ने बताया कि भगवान शिव, ब्रह्मा ,विष्णु ,राम कृष्ण सब एक ही हैं केवल नाम रूप का भेद है ।तत्व में कोई अंतर नहीं है किसी भी प्रकार से उस परमात्मा की सेवा की जाए वह उसी सच्चिदानंद घन की उपासना होती है ।जब पृथ्वी पर घोर पाप होने लगता है तब भगवान शंकर विश्व का संहार करते हैं इसलिए उन्हें महामृत्युंजय भी कहा जाता है महाकालेश्वर भी कहा जाता है
शास्त्रानुसार महाराज ने कहा कि -।।।।।सर्व सिद्धिम् लभेन्नरः।।।
भगवान शिव की उपासना करने वाले मनुष्य सभी सिद्धियों को प्राप्त कर सहजा अवस्था को प्राप्त कर जाते हैं। जो सब तत्वों का सार है ।वह मूल तत्व है जिसके प्रत्येक की उत्पत्ति व पालन होता है और इसी में सब विलीन हो जाता है इस अति सूक्ष्म व अप्रत्यक्ष तत्व का ज्ञान प्राप्त करने के लिए शिव महापुराण ज्ञान यज्ञ की पावन कथा श्रवण करनी चाहिये,। मनुष्य जगत में धर्म एवं साधना के द्वारा ही शिव रहस्यमय जगत में प्रवेश पाकर आनंद अनुभव कर सकता है।महाराज कथा के पूर्व काशी धर्मपीठ परंपरा अनुसार वैदिक मंत्रों से हिमांशु शुक्ला आचार्य कृष्ण कुमार दुबे एवं मुख्य यजमान हरीश चंद्र शुक्ला (ग्राम प्रधान )अशोक शुक्ल,भोलानाथ ,शारदा,शिवाकांत त्रिपाठी ,नागेंद्र दुबे ,राम सागर शुक्ला (बंसी) सहित हजारों भक्तों द्वारा पादुका पूजन एवं मंगलमय आरती उतारी गई|

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