समाचारलालच या जोर जबरदस्ती से धर्म परिवर्तन अपराध- मोहम्मद परवेज खान

लालच या जोर जबरदस्ती से धर्म परिवर्तन अपराध- मोहम्मद परवेज खान


लालच या जोर जबरदस्ती से धर्म परिवर्तन अपराध- मोहम्मद परवेज खान
मिर्जापुर
धर्मांतरण के मुद्दे पर एक बार पुनः जनपद मिर्जापुर में भी बहस तेज हो गई है। दिनांक 24 को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जोर जबरदस्ती और लालच के आधार पर धर्म परिवर्तन कराए जाने के मामले पर गंभीर बयान दिया था, उनके मुताबिक जोर जबरदस्ती और लालच के आधार पर धर्म परिवर्तन कराया जाना गुनाह है और किसी भी कीमत पर ऐसे लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के व्यवसाय में कार्य कर रहे लोगों के खिलाफ कानून सख्त कार्रवाई करेगी, उत्तर प्रदेश की धरती विदेशी ताकत और असमाजिक संगठनों के लिए चरागाह बनने नहीं दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश एटीएस के द्वारा पिछले हफ्ते लखनऊ से संचालित एक संगठन को अपने रडार पर लिया है। आरोप है कि इस संस्था के द्वारा अब तक कई लोगों के धर्म परिवर्तन कराए जा चुके हैं ।निरंतर सोशल मीडिया पर भी हो रहे वायरल वीडियो में युवकों ने धर्म परिवर्तन के बाद अपने पुराने समुदाय से मदद की दुआ कर रहे हैं।
माइनॉरिटी वेलफेयर सोसाइटी के संरक्षक, मदरसा अरबिया के प्रबंधक तथा गुडवीव अमेरिकन के इंडिया निदेशक मोहम्मद परवेज खान के अनुसार धर्म परिवर्तन जोर जबरदस्ती और लालच का विषय नहीं है यदि हिंदुस्तान के लोकतंत्र में कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म पर अपनी आस्था रख सकता है। लेकिन आस्था के नाम पर जोर जबरदस्ती इस्लाम बर्दाश्त नहीं करता। मोहम्मद परवेज खान ने बताया कि इस तरीके के मुद्दे राजनैतिक संरक्षण के पश्चात तेजी से फैलती और खेलती हैं, जबकि धर्म की बात विभिन्न समुदाय के धर्म गुरुओं के द्वारा की जानी चाहिए राजनेताओं को संविधान की बात करनी चाहिए। हिंदुस्तान के महान लोकतंत्र में जोर जबरदस्ती की कहीं गुंजाइश नहीं है और यदि धर्म परिवर्तन किसी संस्था के स्तर से या किसी भी संगठन के स्तर से जोर जबरदस्ती के आधार पर कराया जाता है तो हिंदुस्तान के अंदर संविधान में तमाम धाराएं निहित है सीआरपीसी आईपीसी में कई कानून मौजूद है जिसका प्रयोग करके हम उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकते हैं जो लोग लालच देकर या जोर-जबर्दस्ती के आधार पर धर्म परिवर्तन कराना चाहते हैं या बढ़ावा देते हैं या मान्यता देते हैं। लेकिन परवेज खान मानते हैं कि इस तरीके के मसले ज्यादातर बनावटी होते हैं परवेज खान का मानना है कि कोई भी व्यक्ति जोर जबरदस्ती नहीं कर सकता धर्म परिवर्तन एक प्रकार का लाइफ स्टाइल है कौन सा व्यक्ति किस लाइफस्टाइल को पसंद करता है यह उसका व्यक्तिगत और निजी मामला है जहां तक व्यक्ति के अपने धर्म के प्रति आस्थावान होना उसके धर्म पर निर्भर करता है यदि व्यक्ति अपने धर्म पर भरोसा रखता है जो अपने धर्म के बारे में पूरी जानकारी और आस्था रखता है वो दूसरे धर्म की तरफ जाने को नहीं सोचता लेकिन जब व्यक्ति अपने समुदाय में अपने समाज में अपने धर्म में सम्मान से और अधिकार से वंचित होने लगता है तभी और भी विकल्पों के बारे में व्यक्ति सोचता है और अपनी लाइफ स्टाइल को बदलने का भी प्लान कर सकता है। परवेज खान ने कहा कि समूचा हिंदुस्तान हमारा एक परिवार है और परिवार में भाईचारा बना रहे इसके लिए अनावश्यक के मुद्दों से बचना चाहिए ऐसे मुद्दे जो समाज को कलंकित करते हो वैमनस्यता बढ़ाने का कार्य करते हो उन मुद्दों पर ज्यादा फोकस करने से अच्छा है कि उस पर ठोस कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए हमारा इतिहास गवाह है कि कभी भी जाति और धर्म के आधार पर युद्ध नहीं हुआ है जब भी लड़ाई लड़ी गई है धर्म और अधर्म सत्य और असत्य की लड़ाई लड़ी गई है हम सबका दायित्व है कि यदि कोई अपराधी है तो उसके साथ अपराधी जैसा व्यवहार करना चाहिए और यदि कोई व्यक्ति सज्जन है तो उसको प्रमोट करना चाहिए अपराधी किसी भी जाति का हो सकता है उसी तरीके से सज्जन भी किसी भी जाति का हो सकता है, सज्जन किसी भी जाति का हो वह सम्मान पाने का अधिकार है समाज में। और अपराधी किसी भी समाज और धर्म का हो वह सजा पाने का ही अधिकारी हो सकता है। धर्म के आधार पर किसी गुनहगार की सजा कम नहीं हो जाती और जाति या धर्म के आधार पर किसी की अच्छाई ज्यादा या कम नहीं हो सकती।

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