समाचारलूट सको तो लूट लो - पड़री सरकारी अस्पताल

लूट सको तो लूट लो – पड़री सरकारी अस्पताल

मिर्ज़ापुर पड़री सरकारी अस्पताल में जमे पिछले २० सालो से फार्मासिस्ट व अन्य कर्मचारी इन दिनों लूट सको तो लूट लो की कहावत को चरिथर्त कर रहे है |जी हां आप खुद ही समझे की ग्रामीण छेत्रो में आखिर सरकारी योजनाओ का खुल के बंदरबाट क्यों न करे भला यहाँ जमे कई वर्षो से कर्मचारी ,क्योंकि उनको पता हो गया है की सेटिंग से करोड़ो कमाया जा सकता है और यहाँ वही हो भी रहा है |
जब कोइ जागरूक ग्रामीण इसकी शिकायत करता है तो उसके ऊपर हमला किया जाता है | दवा बाट रहे फार्मासिस्ट खुले आम हर मरीज से १० रुपये लेते है ये वयवस्था इतना प्रचलित हो चूका है की फार्मासिस्ट को मरीज से पैसे मांगने की जरूरत नहीं पड़ती यहाँ खुद मरीज व उनके परिजनों का आदत पड़ चूका है की दवा लेना है तो पैसा देना ही है |
हालांकि सरकार पूरी तरीके से दवा का निःशुल्क वितरण करवाती है लेकिन पिछले २० वर्षो से जमे कर्मचारियो ने यहा अपना काला साम्राज्य इस्थापित कर रखा है |
मजे की बात देखिये सरकार मरीजों से सिर्फ एक रूपया लेती है लेकिन यहाँ के मशीहा कहे जाने वाले ये कर्मचारी डॉक्टर्स सरकार के तय किये गए रकम से १० गुना जायदा ले रहे है |यानी हर पर्ची पर १० रूपया लेना ही लेना है ,और मररेजो को देना ही देना है क्योंकि डॉक्टर्स अच्छी तरीके से जानते है की जीन परिवर्तन कैसे किया जाता है और यहाँ के बासिंदों में वो परिवर्तन करते सफल होते दिखाई दे रहे है जिसका परिडाम है की १० रूपया हर मरीज दे रहा है और यहाँ जमे कर्मचारी मालामाल हो रहे है |
इसकी चर्चा जब मिर्ज़ापुर के CMO उमेश यादव से की गयी तो उन्होंने कार्यवाही करने को कहा |
मामला यहाँ तक ही सीमित नहीं है किसी को पता न चले की मलेरिया की कौन सी दवा मरीज को दी जा रही है इसके लिए रैपर से निकाल कर दवा दिया जा रहा है,जो अत्यधिक खतरनाक साबित हो सकता है उन मरीजों के लिए जो खुली दवा का सेवन कर रहे है |

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