समाचारश्री कृष्ण के रूप में जिलाधिकारी अनुराग पटेल की नजर पड़ी-MIRZAPUR

श्री कृष्ण के रूप में जिलाधिकारी अनुराग पटेल की नजर पड़ी-MIRZAPUR

जाको राखे साइयां मार सके ना कोई
यह कहावत उस वक्त चरितार्थ हुआ जब लगभग 7 की संख्या में गाय ऐसी विषम परिस्थितियों में सप्ताह भर से फंसी थी जिनका सकुशल वापसी असंभव सा हो गया था लेकिन कहते हैं कि मारने वालों से ज्यादा बड़ा बचाने वाला होता है ,और हुआ भी कुछ इसी तरीके से ।जिस जंगल में और जिन विषम परिस्थिति में यह गोवंश फंसे हुए थे वहां एक जन सामान्य की नजर पढ़ना तो दूर वहां उतरना भी लोग मुनासिब नहीं समझते ऐसे में जिलाधिकारी की नजर पड़ी , नजर पड़ते ही गोवंश की आयु बढ़ गई खतरे में पड़ी जिंदगी दोबारा बहाल हो गई अपने और अपने सारथी ड्राइवर , अर्दली के साथ उन्होंने गायों का रेस्क्यू करके किसी प्रकार से सीमित संसाधन के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और सातों गोवंश को सामान्य जगह तक लाने में एड़ी चोटी करते देखें गए ।मिर्जापुर टांडा फाल के पास बनाई गई गोवंश आश्रय स्थल से कुछ ही दूरी पर लगभग 7 दिनों से जलप्रपात में गिरे हुए 7 गोवंश असहाय हालत में भगवान् की प्रतीक्षा में अंतिम सांसे ले रहे थे की साक्षात श्री कृष्ण के रूप में जिलाधिकारी अनुराग पटेल की नजर पड़ी और सभी गो वंश को पुनर्जीवन प्राप्त हुआ। दर्शल हर घटना के पीछे संदेश छुपा होता है और जब छोटी और सामान्य घटना को भी कोई सक्षम और बड़ा अधिकारी सीमित संसाधन में भी करता है तो आम जनमानस पर भी उसका गहरा प्रभाव पड़ता है मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम सर्व शक्तिशाली होते हुए भी आमजन भावना को ध्यान में रखते हुए जनता की छोटी से छोटी समस्याओं का निवारण खुद किया करते थे उसके पीछे उनकी मंशा लोक जन कल्याण ही होता था ताकि समाज में दूसरों की मदद करने की भावना जागृत हो |भगवान श्री कृष्ण ने भी गोवंश की रक्षा और उनके संरक्षण के तमाम उदाहरण समाज में प्रस्तुत किए है ,जिला अधिकारी के द्वारा हर कार्य को भी जनपद वासी बड़े ही नजदीक से आभास ही नहीं करते बल्कि उसका अनुसरण भी करने का प्रयास करते हैं। फिलहाल जनपद वासी जिलाधिकारी के द्वारा तमाम सामाजिक चेतना जागृत के कार्यों की सराहना करते देखे जा रहे हैं।

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