मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां कानून व्यवस्था को लेकर निरंतर प्रयासरत हैं | डीजीपी का सख्त निर्देश है कि पुलिस अपनी कार्यशैली में और कार्य व्यवहार में परिवर्तन लाए , किंतु इन निर्देशों का तनिक भी असर मिर्जापुर के विंध्याचल थाना में कार्यरत दरोगा के ऊपर नहीं दिखाई दे रहा है ।पीड़ितों की माने तो विंध्याचल थाने में आज भी पुलिस द्वारा थाने में आगंतुकों के साथ दुर्व्यवहार करना ,पीड़ित पक्ष के साथ पुलिसिया रौब झाड़ना, फरियादियों को अपमानित करने जैसा वही पुराना रवैया अपनाया जा रहा है ।यूं तो प्रदेश के अन्य जिलों व थानों में यह परंपरा समाप्त होने के कगार पर है लेकिन जनपद मिर्जापुर के विंध्याचल थाने में आज भी पुलिस वालों की परंपरागत दादागिरी कायम है ,मामला उस वक्त प्रकाश में आया जब पीड़ित शिकायतकर्ता को आई0जी0आर0एस पोर्टल पर की गई अवैध कब्जे की शिकायत( शिकायत संख्या 41019919000261) के संदर्भ में जांच हेतु पुलिस के द्वारा फोन करके थाने पर बुलाया गया और थाने पहुंचने के पश्चात समाधान के बजाय शिकायतकर्ता को ही डांट डपट कर कहा गया की “पुलिस फालतू है जो तुम लोग अनावश्यक शिकायत करते हो” । शिकायत करने की वजह से आगबबूला हुए दरोगा पुलिसिया रौब दिखाते हुए पीड़ित पक्ष के साथ दुर्व्यवहार किये और उस पर अनुचित दबाव भी बनाया गया जिसका विरोध करने पर पुलिस द्वारा पीड़ित को डांटा और डराया धमकाया गया जिस पर शिकायतकर्ता अपना मान सम्मान और इज्जत बचाते हुए थाने से निकल आया ।शिकायतकर्ता के द्वारा बताया गया कि यह घटना 23 सितंबर दोपहर लगभग 1:30 बजे की है, भुक्तभोगी प्रार्थी आवेदन करता ने यह भी बताया कि थाने में घटित इस घटना का थाने के सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से अवलोकन किया जा सकता है ।विंध्याचल थाने में पुलिस के द्वारा इस तरीके से आवेदन कर्ता के साथ किए गए दुर्व्यवहार की निंदा अन्य लोगों ने भी किया और कहा की पुलिस पीड़ितों के बजाय अपराधियों के साथ अगर इस तरीके से व्यवहार करें तो अपराध में भारी कमी आ सकती है।
समस्या लेकर जाने पर दरोगा करते हैं दुर्व्यवहार, विंध्याचल
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