बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं ने सरकारी विभाग के बड़े बकायेदारों की बिजली काट दी। संघर्ष समिति ने लेसा द्वारा चलाये गये बिजली काटो अभियान का समर्थन व स्वागत किया है। आज बड़े सरकारी बकायेदारों को बिजली काटी गयी है उनकी सूची निम्नवत् है।
राज्य सम्पत्ति विभाग, न्यू विधायक निवास 11,65,993 (11.65 लाख)
राज्य सम्पत्ति विभाग, दारुलसफा 5,99,29,575 (5.99 करोड़)
इन्दिरा भवन 1,73,94,319 (1.74 करोड़)
जवाहर भवन 1,81,43,144 (1.81 करोड़)
राज्य अतिथि गृह, मीरा बाई मार्ग 8,92,271 (8.92 लाख)
राज्य सम्पत्ति विभाग, अति विशिष्ट अतिथिगृह 2,06,59,067 (2.06 करोड़)
राज्य सम्पत्ति विभाग, विशिष्ट अतिथिगृह डालीबाग 3,02,13,902 (3.02 करोड़)
राज्य अतिथि गृह, विक्रमादित्य मार्ग 58,22,056 (58.22 लाख)
कुल 15,42,20,327 (15.42 करोड़)
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा कि प्रदेश के सरकारी विभागों पर 10800 करोड़ का बकाया है और कितनी विडम्बना है कि सरकार इन बकायों को अदा करने के बजाय घाटे के नाम पर बिजली के निजीकरण का निर्णय ले रही है। संघर्ष समिति ने कहा कि लखनऊ की तरह प्रदेश भर में सरकारी विभागों की बिजली काटने का अभियान और तेज किया जायेगा।
लखनऊ में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्यालय पर विरोध सभा हुई। वाराणसी में निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों में कई किलोमीटर लम्बी बाइक व साइकिल रैली निकली गयी। गोरखपुर, आजमगढ़, मिर्जापुर, बस्ती, अनपरा, ओबरा, फैजाबाद, गोण्डा, बरेली, कानपुर, झांसी, बांदा, अलीगढ़, आगरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, हरदुआगंज, पारीछा, पनकी, सहारनपुर, नोएडा और मेरठ व अन्य सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन कर कर्मचारियों व अभियन्ताओं ने रोष प्रकट किया