मीरजापुर 30 अप्रैल 2025- जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने आगामी वर्षा के मौसम को देखते हुए सर्पदंश से बचाव साप काटने के उपरान्त प्राथमिक उपचार के बारे में बताया कि सर्पदंश से बचने के लिए जागरूक होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सर्पदंश को राज्य आपदा श्रेणी में भी शामिल किया गया हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रायः सर्पदंश के एक गम्भीर आपदा के रूप में प्रकाश में आया है।
सर्पदंश से होने वाली जनहानि को रोकने के प्राथमिक उपचार के रूप में लोगो को सर्पदंश के बचने के उपायो के प्रति जागरूक होना आवश्यक है। वर्षा के मौसम में सांप अक्सर बाहर निकल आते है इससे बचने के उपाय आवश्यक है।
सर्पदंश में तुरंत अस्पताल नहीं ले जा सकते तो यह प्राथमिक उपचार दें
सबसे पहले पीड़ित व्यक्ति को यह भरोसा दिलाए की 80-90 प्रतिशत सांप जहरीले नहीं होते हैं।
सर्पदंश प्रभावित अंग को स्थिर कर दें एवं इस हिलने डुलने से बचाए।
पीड़ित व्यक्ति को जितनी जल्दी हो सके निकटतम स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं।
सांप के रंग और जाकर को देखने एवं याद रखने की कोशिश करें।
घाव को साफ पानी और साबुन से साफ करें
सर्पदंश के प्राथमिक उपचार
सबसे पहले सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को किसी प्रकार की शारीरिक क्रिया न करने दें।
सबसे पहले जिस व्यक्ति को सांप ने काटा है उसकी घबराहट दूर करें क्योंकि जितनी घबराहट होगी उतनी तेजी से जहर फैलता जाएगा।
घाव को साबुन से धोएं।
मरीज के घाव से किसी प्रकार की छेड़छाड़ ना करें।
सर्पदंश का चार अनिवार्य रूप से किसी मान्यता प्राप्त पदवी धारक चिकित्सक के परामर्श से करना चाहिए।
पीड़ित व्यक्ति को चिकित्सालय जाने के उपरांत जल्द ही ऐंटीवेनम दिया जाना चाहिए।
प्राथमिक उपचार सर्पदंश पीड़ित को डाक्टर तक पहुंचाने और विषरोधक उपचार शुरू होने तक जान बचाने में अहम भूमिका निभाता है।
सर्पदंश के बाद निम्नलिखित सुझाव अनुपालन की सिफारिश की जाती है
धीरे से सर्पदंश से पीड़ित को सर्प से दूर ले जाएं।
हर एक सर्प विषैला नहीं होता यह तथ्य पीड़ित को समझाते हुए उसका दंड बताएं और उसे शांत करने की कोशिश करें।
पीड़ित को तेज चलना या दौड़ना पूर्णतः वर्जित है।
सर्पदंश के जगह सूजन की संभावना रहती है इसलिए अंगूठी घड़ी ब्रेसलेट या कसे कपड़े जितनी जल्दी हो सके निकाल देना चाहिए।
किसी दो पहिया द्वारा पीड़ित को अस्पताल ले जाने का सही तरीका
दुपहिया द्वारा पीड़ित को अस्पताल ले जाते समय दो लोगों के मध्य में बिठाना चाहिए।
पीड़ित ना गिरे इसलिए पीछे बैठे आदमी द्वारा उसे भली भांति कसकर पकड़ के रखना चाहिए।
पीड़ित के पैर दुपहिया के फुट रेस्ट पर रखना चाहिए।
अति महत्वपूर्ण
सर्पदंश के बाद निम्नलिखित गतिविधियां नहीं करनी चाहिए
सर्प को ढूंढना पकड़ना या मारना नहीं चाहिए।
सर्पदंश की जगह ब्लड चाकू या किसी तीक्ष्ण धारदार हथियार से चीर नहीं लगना चाहिए।
मुंह द्वारा विष को चूस कर नहीं निकलना चाहिए।
सपेरे तांत्रिक या अनाधिकृत औषधि देने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।
पीड़ित को डॉक्टर के पास तुरंत ले जाना चाहिए सर्पदंश के लक्षण दिखने का इंतजार नहीं करना चाहिए।
डॉक्टर के परामर्श के बिना पीड़ित को कोई दवाई नहीं देना चाहिए।
सर्पदंश के बाद पीड़ित को चलना दौड़ना या वहां नहीं चलने देना चाहिए।
सर्पदंश से बचने के लिए जागरूक होना जरूरी
जब कोई सांप किसी को काट लेता है तो सर्पदंश या सांप का काटना कहते हैं।
सांप काटने से घाव हो सकता है और कभी-कभी विषाक्त भी हो जाती है जिससे मृत्यु तक संभव है।
अब यह ज्ञात है कि अधिकांश सिर्फ विभिन्न होते हैं किंतु सांप अपनी शिकार को करने के लिए नहीं कटते हैं बल्कि अपनी आत्मरक्षा के लिए काटते हैं।
भारत में सर्पदंश से आधे से अधिक लोगों की जान विश्वहीन सांप के काटने से होती है।
अगर उन्हें सर्पदंश प्रबंधन का ज्ञान होता तो मृत्यु दर कम होती।