*जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी नारायणानंद तीर्थ महाराज* के सानिध्य शंकराचार्य आश्रम रायपुर पोख्ता में आयोजित *श्री मद्भागवत कथा* के *प्रथम दिवस में निकली भव्य शोभायात्रा* में उपस्थित भक्तों को सम्बोधित करते हुए बताये कि =
*भागवत कथा का श्रवण करने से मनुष्य के जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं।*
जो भी भक्त भागवत कथा का श्रवण करता है उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।।
कलश यात्रा में तीनों देव ब्रम्हा, विष्णु व महेश के साथ-साथ 33 कोटि देवी देवता स्वयं कलश में विराजमान होते हैं।
वहीं कलश को धारण करने वाले जहां से भी ग्राम का भ्रमण करता है वहीं की धरा स्वयं सिद्व होती जाती है। जो अपने सिर पर कलश धारण करता है उसकी आत्मा को ईश्वर पवित्र और निर्मल करते हुए अपनी शरण में ले लेते हैं
*महाराज ने कहा* सिर पर कलश रखने वाले श्रद्धालुओं की आत्मा पवित्र व निर्मल होती है।
ऐसे भक्तों पर भगवान की विशेष कृपा होती है तथा रोग दोष विकारों का भगवान हरण कर देते है। इस दौरान 501 कलश धारण भक्तिमती माताएं अखण्ड सौभाग्य की कामना कर कलश यात्रा में शामिल हुईं।।
*कार्यक्रम के मुख्य आयोजक* हरिश्चंद्र शुक्ल सभी को इस कथा में सम्मिलित होकर धर्म लाभ प्राप्त करने हेतु आमंत्रित किये
एवं कथा के पूर्व पादुका पूजन हरिश्चंद्र शुक्ल,नागेंद्र दूबे, अरुण दूबे, सुनील, बंशी शुक्ल ,राम सागर शुक्ल,शिवाकांत त्रिपाठी वाराणसी एवं हजारों भक्तों पूजन आरती कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
प्रेस वार्ता के दौरान शंकराचार्य ने कहा कि पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले निश्चित रूप से अज्ञानी ही हो सकते है।
हजारों की संख्या में भक्त गणों ने सिर पर कलश रखकर आमघाट से रायपुर पोख्ता की यात्रा की पूरी – मिर्जापुर
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