समाचारहलिया के हाल पर ग्रामिणों का छलका दर्द, ललितेशपति बोलें-अब होगा न्याय-MIRZAPUR'

हलिया के हाल पर ग्रामिणों का छलका दर्द, ललितेशपति बोलें-अब होगा न्याय-MIRZAPUR’

हलिया ब्लॉक का डुड़िया-मझियार गांव मिर्जापुर जनपद का आखिरी गांव है, जो मध्यप्रदेश की सीमा से लगता है. देश और प्रदेश की विकास यात्रा यहां आते-आते अपना दम तोड़ देती है. जिले के मानचित्र में यह गांव ‘डार्क विलेज’ के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यहां आज तक बिजली नहीं पहुंची. सभी घरों तक बिजली पहुंचाने का दावा करने वाली केंद्र की मोदी सरकार की सौभाग्य योजना भी अंधकार में डूबे इस गांव का दुर्भाग्य नहीं पलट सकी. ललितेशपति त्रिपाठी ने यह बात डुडिया-मझियार गांव में चौपाल के दौरान कहीं. हलिया ब्लॉक के विभिन्न गांवों के दौरे और चौपाल बैठकों के दौरान गांव वालों का दर्द भी छलका. गांव वालों ने बताया कि कैसे पानी के लिए उन्हें दूर किसी झरने तक जाना पड़ता है. इसके साथ ही इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या सड़क की है. क्योंकि हलिया ब्लॉक से इस क्षेत्र के गांव सगरा, मझिगवां-पड़री, बरयां को जोड़ने वाला रास्ता अभ्यारण से होकर गुजरता है और इसीका हवाला देकर इन गांवों को ब्लॉक से जोड़ने वाली सड़क नहीं बनी ललितेशपति त्रिपाठी ने कहा कि अभ्यारण की वजह से ही बाणसागर परियोजना 20 साल से लटकी थी. लेकिन केंद्र में कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालीन पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश से मंजूरी मिली और बाणसागर का काम शुरू हुआ. इसी तरह हम इस क्षेत्र में सड़क की लड़ाई भी लड़ेंगे और इसकी मंजूरी भी दिलाएंगे. बाणसागर परियोजना का काम इसका जीता जागता उदाहरण है. ललितेशपति त्रिपाठी ने गांव वालों को भरोसा दिलाया कि भले ही यह क्षेत्र मिर्जापुर का आखिरी कोना हो लेकिन कांग्रेस की न्याय यात्रा यहीं से शुरू होगी. न्याय की पहली किरण यहां के अंधकार को मिटाने के बाद ही आगे बढ़ेगी.

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