मिर्ज़ापुर –जिगना पुलिस के द्वारा अपराधी प्रवत्ति के व्यक्ति को छोड़े जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है ।ग्राम प्रधान( बिहासड़ा )पप्पू जायसवाल की माने तो -जिगना so नन्हे राम सरोज के मुताबिक़,जिस व्यक्ति से ग्राम प्रधान पप्पू जायसवाल को खतरा था उसी व्यक्ति को जिगना so के द्वारा किसके दबाव में छोड़ा गया ? जबकि जिस आदमी को जिगना पुलिस ने छोड़ा उसी व्यक्ती से प्रधान पप्पू को जान को ख़तरा बताया गया था पुलिस के द्वारा| किस मकसद से उसे पकड़ा गया था ?किसके कहने पर उसको पकड़ा गया था ?ऐसी कौन सी परिस्थिति बनी की -जिगना so ने दबाव महसूस किया और 5 लाख रुपये की सुपारी लेकर हत्या करने का संगीन आरोप प्रधान के द्वारा लगाया गया हो ,जिसको so के द्वारा पकड़ने में भारी मशक्कत करनी पड़ी हो उसको एकाएक छोड़ दिया जाना ,छोड़ने के बाद -जिगना so व ग्राम प्रधान (बीजेपी नेता)पप्पू जायसवाल के बीच मोबाइल वार्ता का वायरल होना पूरे व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा होना लाजमी है ।प्रधान संघ में इस बात का आक्रोश है। की जिगना पुलिस अभी भी पूर्व सरकार के मंत्री के इशारे पर काम करती है ना कि कानून व विधि संवत ।यह एक छोटा सा नमूना है जो यह बताने के लिए पर्याप्त ही कि आखिर जिगना पुलिस किसको गुमराह कर रही है?कुछ दिन पूर्व वॉइस रिकार्डिंग के आधार पर पुलिस कप्तान ने एक सिपाही को सस्पेंड किया था ।प्रधान समर्थकों की पुलिस कप्तान से अपेक्षा की गई है कि प्रधान पप्पू जायसवाल व प्रभारी so के बीच हुए मोबाइल संवाद को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष कार्यवाही करते हुए कानून संवत कार्यवाही करें अन्यथा बिहासड़ा क्षेत्र के लोग व ग्राम प्रधानों ने मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी से समय लेकर मिलने का मन बना रहे है ।अपराधी को छोड़ना ,अपराध को न सिर्फ बढ़ावा देना बल्कि अपराध को संरक्षण देने जैसा गम्भीर आरोप -जिगना पुलिस पर लगने से जनपद की पुलिस की कुशल कार्यक्षमता पर एक बड़ा सवालिया निशान लगाया जा रहा है ।
अपराधी प्रवत्ति के व्यक्ति को छोड़े जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है-MIRZAPUR
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