अवैध डब्बा कारोबार से मिर्जापुर में बिगड़ रहा माहौल, युवाओं में बढ़ रहा तनाव और अवसाद

मिर्जापुर। जनपद में अवैध रूप से फल-फूल रहा “डब्बा बंद ट्रेडिंग” कारोबार अब युवाओं की जिंदगी और सामाजिक संतुलन दोनों के लिए खतरा बनता जा रहा है। तेज़ कमाई के लालच में बड़ी संख्या में युवा इस गैरकानूनी कारोबार में फँसकर कर्ज़, तनाव और अवसाद जैसी स्थितियों से गुजर रहे हैं। परिवारिक माहौल बिगड़ रहा है और सामाजिक सौहार्द पर भी असर पड़ने लगा है।

जानकारी के अनुसार शहर और कस्बों में कुछ स्थानों पर बंद कमरों में इस तरह के डब्बा सेंटर चलाए जा रहे हैं, जहां बिना किसी वैध अनुमति या सुरक्षा के लाखों रुपये का सौदा किया जाता है। ये सौदे न तो किसी वैध एक्सचेंज पर दर्ज होते हैं और न ही निवेशकों को किसी प्रकार की कानूनी सुरक्षा प्राप्त होती है। नुकसान होने पर पूरा भार निवेशक पर डाल दिया जाता है, जिससे कई युवक आर्थिक तंगी और मानसिक दबाव में टूट रहे हैं।

इधर, चांदी और सोने की कीमतों में आई भयंकर बढ़त और फिर तेज गिरावट ने भी इस अवैध कारोबार से जुड़े युवाओं को गहरे नुकसान में धकेल दिया है। छोटे निवेशक कर्ज़ में डूब गए हैं और कुछ मामलों में आत्महत्या तक की नौबत आ चुकी है।

स्थानीय नागरिकों और व्यापारिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि जनपद में चल रहे अवैध डब्बा बंद कारोबार को तत्काल प्रभाव से बंद कराया जाए। लोगों का कहना है कि केवल SEBI या MCX द्वारा अधिकृत और पंजीकृत सदस्यों के माध्यम से ही वैध ट्रेडिंग की अनुमति दी जानी चाहिए।

सर्राफा कारोबारियों का भी मानना है कि इस तरह के गैरकानूनी सौदों से न केवल बाजार अस्थिर हो रहा है, बल्कि युवाओं का भविष्य भी अंधकारमय होता जा रहा है।

स्थिति चिंताजनक है — स्थानीय लोगों ने कहा कि प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई कर इस अवैध जाल को समाप्त किया जाए, ताकि युवाओं और समाज दोनों का भविष्य सुरक्षित रह सके।