एपेक्स हॉस्पिटल द्वारा गहन चिकित्सा केयर पर आयोजित इंटरैक्टिव सत्र एवं लाइव कार्डियक कार्यशाला
एपेक्स हॉस्पिटल द्वारा पूर्वांचल में प्रथम गहन चिकित्सा केयर पर आयोजित जीवित कार्यशाला व संगोष्ठी डॉ डीके सिंह प्रो एनेस्थेसियोलोजी विभाग बीएचयू, निदेशक मेडिकल कॉलेज के करकमलों द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया, इस अवसर पर उन्होंने संगोष्ठी के आयोजन पर एपेक्स हॉस्पिटल को शुभकामनाएं देते हुए बताया कि अचानक ह्रदय की गति रुकने पर पुनर्जीवन के लिए कार्डियोपल्मोनरी (सीपीआर) अति आवश्यक है, जीवन अनमोल है इसकी रक्षा करने के लिए खर्चे को लेकर लोगों को चिकित्सकों को आरोपित नहीं करना चाहिए क्योंकि इसकी व्यवस्था के लिए स्थापित ओटी एवं आयातित मशीन अत्यंत खर्चीली होती हैं.. संगोष्ठी में बीएचयू के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अलोक सिंह अचानक ह्रदय गति रूकने के कारणों एवं उसके निदान, एनसीआर के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अजय बेलिया ने कार्डियक हार्ट फैलीयर के मैनेजमेंट को बताते हुए मरीजों की देखभाल पर जोर दिया. एसजीपीजीआई के एनेस्थेसियोलोजी विभाग के वरिष्ठ डॉ संदीप साहू ने कार्डियक अरेस्ट को रोकने के उपायों की चर्चा की, शहर एवं अन्य जिलों से आये चेस्ट फोरम के चेस्ट फिजिशीयनों,इंडियन सोसाइटी ऑफ़ एनेस्थेसिओलोजिस्ट के एनेस्थेटिस्ट, एसोशियेशन ऑफ़ फिजशियन्स के कार्डियक विशेषज्ञों ने भाग लिया. अन्य डॉ प्रशांत साही ने आईसीयू के खर्चे को कैसे कम किया जाए इसके विषय पर अपने विचार रखे, आईएमए अध्यक्ष डॉ अरविन्द सिंह ने गहन चिकित्सा के मरीजों के हॉस्पिटल परिसर में अथवा कहीं और स्थानातरित करने पर प्रकाश डालते हुए प्रश्नोत्तर काल में बेहतर एम्बुलेंस सर्विस पर जवाब देते हुए बताया कि गहन चिकित्सा के लिए प्रयुक्त एम्बुलेंस में जीवन रक्षा में प्रशिक्षित स्टाफ होना अति आवश्यक है, फोर्टिस हॉस्पिटल के वरिष्ठ क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ विवेक नांगिया ने श्वसन संकट सिंड्रोम एवं नों इनवेसिव वेंटिलेशन के बारे में जानकारी दी. मेरठ से आये डॉ वीरत्तम तोमर हॉस्पिटल एवं वेंटीलेटर से उत्पन्न निमोनिया पर जानकारी दी.
संगोष्ठी के पश्चात सुप्रसिद्ध कार्डियो सरजन डॉ अमित श्रीवास्ताव की अध्यक्षता में एवं सुप्रसिद्ध कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ राकेश सिंह, डॉ चन्दन जयसवाल, डॉ उमेश, डॉ अभिषेक, चेस्ट फिजिशियन डॉ बिनोद केके एवं फेलो कार्डियक इमरजेंसी डॉ अजय बेलिया, डॉ तोमर की टीम द्वारा गहन चिकित्सा केयर के दौरान श्वांस लेने में दिक्कत होने पर जीवन रक्षा के लिए अर्टेरीयल लाइन, सेंट्रल लाइन (सी.पी.आर.) , प्युल्मोनेरी अर्टेरी लाइन डालने, पेरिफेरल नसों के ब्लॉकेज, फेफड़ों में खून जमने पर चेस्ट ट्यूब डालने और ट्रेकियोसटोमी, एन्डोब्रोन्किअल अल्ट्रासाउंड का जीवित कार्यशाला में चिकित्सकों ने भाग लेकर जीवित कार्यशाला का लाभ उठाया. संगोष्ठी का संचालन प्रसिद्द जॉइंट रोग विशेषज्ञ डॉ स्वरूप पटेल एवं अध्यक्षता डॉ विनोद सिंह केके द्वारा की गई. मोमेंटो भेंट कर एपेक्स के चेयरमैन डॉ एसके सिंह ने मुख्य अतिथि को मोमेंटो भेंट किया एवं आयोजकों को सफल आयोजन के लिए शुभकामनाये दीं
इंटरैक्टिव सत्र एवं लाइव कार्डियक कार्यशाला-एपेक्स हॉस्पिटल
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