*
एपेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड हॉस्पिटल, चुनार, मिर्जापुर में आयुष मंत्रालय, भारत सरकार एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के निर्देशन में देश का प्रकृति परीक्षण अभियान विषय संकल्प स्वास्थ्य का आधार आयुर्वेद पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. शैलेन्द्र कुमार सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, रोग निदान विभाग, राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं हॉस्पिटल, प्रयागराज, राज्य समन्वयक, देश का प्रकृति परीक्षण अभियान, उत्तर प्रदेश, डीन प्रो. सुनील मिस्त्री, प्रधानाचार्य प्रो. पी.के. सिंह, डॉ. भावना द्विवेदी, डॉ. रिचा राय, डॉ. आभा सिंह, प्रो. वीरेंद्र कुमार, डॉ. मनोज सिंह, डॉ. गौरी चौहान सहित समस्त आयुर्वेदिक फैकल्टी और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में दीप प्रज्वलन कर किया गया।
मुख्य अतिथि डॉ. शैलेन्द्र कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आयुर्वेदिक प्रकृति परीक्षण एक वैज्ञानिक पद्धति है, जो प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक प्रकृति के अनुसार जीवनशैली, आहार एवं उपचार का सुझाव देती है। उन्होंने इसे स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने और आयुर्वेद के सिद्धांतों को आम जन तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।
डीन प्रो. सुनील मिस्त्री एवं प्रधानाचार्य प्रो. पी.के. सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रकृति परीक्षण के महत्व, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और इसके स्वास्थ्य लाभों पर विस्तृत चर्चा की गई। आयुर्वेद की प्राचीन ज्ञान परंपरा को आधुनिक जीवनशैली से जोड़ने और लोगों को उनके प्रकृति के अनुरूप स्वास्थ्य संबंधी सुझाव देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
एपेक्स के चेयरमैन प्रो. डॉ. एस.के. सिंह ने भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग एवं आयुष मंत्रालय की इस पहल का स्वागत करते हुए इसे एक अद्वितीय और सराहनीय कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह अभियान न केवल स्वास्थ्य सुधार में मदद करेगा बल्कि आयुर्वेद को वैश्विक मंच पर मजबूत आधार प्रदान करेगा।