कमजोर हो चुकी गौमाता पर कुत्तों की भूंखी नजर-मिर्जापुर

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1 हफ्ते से गौ माता उठ नहीं पा रही हैं ।एक ही जगह की हो के रह गई है गौ माता। स्थानीय लोग अपनी क्षमता अनुसार खाद्य सामग्री देकर गौ माता के पेट भरने की कोशिश में अनवरत लगे हैं ठंड न लगे इसके लिए आसपास के लोगों ने चादर का प्रबंध कर दिया है। लेकिन बिना सरकारी सहायता के गौ माता का बच पाना मुश्किल प्रतीत होता है। जिला मुख्यालय से लगभग 1 किलोमीटर दूर थाना शहर कोतवाली के पुरानी बजाजी मोहल्ले में पिछले 1 हफ्ते से ज्यादा समय से गाय आश्रय केंद्र की राह देख गौ माता, का कोई सुध लेने वाला नहीं ।सकरा रास्ता के मध्य बैठी गौ माता जहां यातायात को दुर्गम बना रही हैं तो वही गौ रक्षकों काऊ प्रेमियों एवं गौ संस्थाओं के नाम पर चलने वाली तमाम स्वयंसेवी संस्था भी इस घटना को नजरअंदाज कर रही है ।नगरपालिका मुख्यालय से महज चंद मीटर की दूरी पर इस तरीके की प्रशासन की लापरवाही सभी के जवान पर है ।स्थानीय लोगों ने नगर पालिका प्रशासन और जिला प्रशासन से मांग किया है कि कमजोर और बीमार हो चुकी गौमाता को राहत देते हुए तत्काल सरकार द्वारा संचालित गाय आश्रय केंद्र में आश्रय दिया जाए, वरना एक-दो दिन के बाद कुत्तों के भी भूख बढ़ने लगी है। मोहल्ले के कुत्तों की इच्छा है कि जल्दी ही गौमाता इतनी कमजोर हो जाएं कि कुत्ते बेकाबू हो जाएं।