समाचारगैंगरेप की शिकायत लेकर महिला पहुंची कप्तान कार्यालय ,मिर्ज़ापुर

गैंगरेप की शिकायत लेकर महिला पहुंची कप्तान कार्यालय ,मिर्ज़ापुर

उत्तर प्रदेश के जिला मिर्जापुर में 44 वर्षीय महिला , गैंगरेप की शिकायती पत्र लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची। आरोप के मुताबिक यदि महिला की बात सही मानी जाए तो गैंगरेप की सजा से बचने के लिए आरोपियों ने महिला को चोर साबित करने की कोशिश की । महिला द्वारा दिए गए मीडिया को बयान ने जिले में सनसनी फैला दी है ।महिला के मुताबिक उसके साथ 20 सितंबर को रात्रि 9:00 बजे के आसपास शौच के लिए जाते वक्त पहले से ही घात लगाए 4 लोगों ने बारी-बारी से बलात्कार किया। महिला ने बताया कि वह विधवा हो चुकी है ।उसके आदमी की मौत लगभग 5 वर्ष पूर्व ही हो चुका है ।ऐसे में लोगों की नजर उसके ऊपर काफी दिनों से रही। दिनांक 20 सितंबर को उन चारों ने बारी बारी से अपनी गर्मी निकाली ।महिला ने बताया कि आज उसका पूरा बदन दर्द से टूट रहा है ।जननांगों में भी जलन और दर्द है । घटना के बाद स्थानीय थाने पर आपबीती लेकर पहुंची तो उसके साथ थाने पर भी अभद्रता हुआ ,दुर्व्यवहार हुआ। महिला चुनार थाना क्षेत्र की रहने वाली है। महिला का कहना है कि जिन आरोपियों को महिला ने शिकायती पत्र में नाम लिखा है उन लोगों ने अपने को बचाने के लिए हमको ट्रांसफार्मर चोरी का इल्जाम लगा रहे हैं ,तो वहीं इस मामले में चुनार थानेदार ने बताया कि महिला सरासर झूठ बोल रही है ।महिला अपने बच्चों के साथ ट्रांसफार्मर वह विद्युत उपकरण चोरी करते रंगे हाथ पकड़ी गई थी ,जिसके चलते द्वेष भावना से महिला ने अपने ऊपर बलात्कार किए जाने का आरोप मनगढ़ंत बेबुनियाद और महिला होने का नाजायज लाभ लेने के उद्देश्य से गैंगरेप का आरोप लगा रही है । तो वही पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर महिला के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पर पत्रकार वार्ता के दौरान महिला ने कहा कि उसके साथ न्याय होना चाहिए, अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। रोते हुए स्वर से महिला ने कहा कि महिला की इज्जत जब चली जाती है तो वह मुंह दिखाने लायक नहीं रहती ।ऐसे में उसके साथ बलात्कार के बाद पुलिस के द्वारा अभद्रता किए जाने से महिला अपने आप को धरती पर बोझ महसूस करने लगी है। तो वहीं इस मामले में महिला ने पुलिस पर बड़ा सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यदि हम चोरी करने गए थे हमको चोरी करते रंगे हाथ पकड़ा गया था तो कौन सी सामग्री हमने चुराई थी पुलिस को बताना चाहिए ,और यदि हमने चुराई तो पुलिस ने हमारे खिलाफ चोरी का मुकदमा क्यों नहीं पंजीकृत किया। क्या विद्युत विभाग के अधिकारियों ने चोरी की उक्त घटना को संज्ञान में लिया। यदि लिया तो क्या कार्रवाई की और यदि नहीं लिया तो मतलब साफ है कि चोरी की इस तरीके की कोई घटना हुई ही नहीं।
फिलहाल कौन सच बोल रहा है कौन है झूठा ,तुरंत कह पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। लेकिन पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए सूक्ष्मता के साथ परीक्षण करने में लग गई है। जल्दी ही दूध का दूध और पानी का पानी पुलिस करेगी ऐसा क्षेत्रीय लोगों का मानना है ।

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