सभ्य समाज की परिकल्पना करना हर किसी की प्राथमिकता हो सकती है परंतु जब असभ्यता का बोलबाला हो तो कछवा के मितई गांव में गोपीनाथ को जिंदा जलाने की नापाक इरादे असभ्य समाज के लिए सामान्य बात हो सकती है | जी हां भारत के उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के कछवा थाना क्षेत्र के मितई गांव निवासी गोपीनाथ गौण को जिंदा जलाया गया ,मौके पर उनकी बहू मुन्नी देवी ना होती तो शायद गोपीनाथ जिला अस्पताल में कराहते हुए न दिखते |मुन्नी देवी व गोपीनाथ ने जो बातें बताई अगर वह वास्तविक है तो हमारा यह समाज असभ्यता की पराकाष्ठा पार कर चुका है |यह कहना अतिशयोक्ति नहीं हो सकती पीड़ित के मुताबिक दिनांक ११/१/ 2018 को मैदान(लेट्रीन ) जाने वास्ते पड़ोसी को मन माफिक बर्तन ना देने से बौखलाया पड़ोसी पहले दिन तो मारा पीटा उससे भी जी नहीं भरा तो दूसरे दिन पेट्रोल गोपीनाथ के ऊपर डाल कर माचिस लगा दिया इतने में चिल्लाने की आवाज सुन बहु मुन्नी देवी ससुर को आग की लपटों से बचाया| इस घटना में मजे की बात यह है कि आरोपी अभी भी खुलेआम घूम रहा है पीड़ित परिवार दशहत में हैं वह पुलिस मामले की जांच में लगी है| मुन्नी देवी के अनुसार यदि घटना के प्रथम दिन पुलिस ने कार्यवाही की होती तो गोपीनाथ को जिंदा न जलना पड़ता|पुरे छेत्र में जंगलराज होने की बात लोग कहते सुने जा रहे है |
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