चर्चित लोन प्रकरण पर बैंक जारी करेगा नोटिस,मिर्जापुर

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मिर्जापुर पंजाब नेशनल बैंक के द्वारा एक करोड़ चालीस लाख रुपया लोन देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है ।कन्हैया लाल शर्मा पुत्र स्वर्गीय विनोदी लाल शर्मा निवासी मुकेरि बाजार मिर्जापुर ने पंजाब नेशनल बैंक के प्रधान कार्यालय में शिकायती पत्र भेजकर बैंक की कार्यप्रणाली पर बड़ा प्रश्न चिन्ह उठाते हुए आरोप लगाया था कि बैंक के द्वारा उसके हिस्से की प्रॉपर्टी मॉरगेज रखकर दूसरे व्यक्ति को ऋण मुहैया कराया गया है जबकि ऋण प्राप्त करने वाले व्यक्ति का उस भूमि पर कोई अधिकार नहीं है इस प्रकरण पर बैंक मैनेजर अजय गिरी से पूछे जाने पर प्रबंधक ने बताया कि 10 साल पहले जिस प्रॉपर्टी को मारगेज रखकर लोन दिया गया था उसकी बात कन्हैयालाल शर्मा के द्वारा की जा रही है, लेकिन वर्तमान समय में कन्हैया लाल के द्वारा आपत्ति दर्ज कराया जा रहा है बैंक हमेशा से स्वच्छ साफ-सुथरी जमीन को ही बंधक रख कर ही ऋण उपलब्ध कराती है ।ये आरोप गलत है कि बैंक ने फर्जी तरीके से किसी को भी लोनिंग किया है ।विवादित स्थल को मार्गेज रखकर किसी भी प्रकार का लोन उपलब्ध नहीं कराता ।ऐसे में भाइयों की आपसी मामले में बैंक का कोई रोल नहीं है ।यदि प्रॉपर्टी विवादित होती है तो ऐसे में लोन लेने वालों को हम नोटिस जारी कर देंगे और फ्रेश नया कोई बंधक रखने योग्य प्रॉपर्टी उपलब्ध नहीं कराए जाने की दशा में लोन की सेवाएं बंद भी की जा सकती हैं ।बैंक ने नोटिस जारी करने का मन बनाया है ।बैंक प्रबंधक के मुताबिक लोन ग्राही को इस बात की नोटिस दी जाएगी साथ में कन्हैया लाल शर्मा को भी पत्र जारी कर यह बताया जाएगा कि उनके किसी भी प्रॉपर्टी को बैंक ने बंधक नहीं रखा है ।इस बात की जानकारी मौखिक रूप से कन्हैया लाल शर्मा पुत्र स्वर्गीय विनोदी लाल शर्मा को दे दिया गया है ।उसके बावजूद कन्हैयालाल को लिखित पत्र प्रेषित किया जा रहा है कि उनके किसी भी प्रॉपर्टी को ना ही उनके किसी प्रॉपर्टी के अंश को बैंक ने बंधक रखा है ।एक सवाल के जवाब में प्रबंधक ने बताया कि यह आरोप की ओरिजिनल दस्तावेज कन्हैया लाल शर्मा के पास रखा है उसी दस्तावेज पर बैंक ने ऋण स्वीकृत कैसे किया है, इसके जवाब में उन्होंने बताया कि क्योंकि प्रॉपर्टी वसीयत से इन लोगों को प्राप्त हुई है बैंक में बंधक के तौर पर प्रॉपर्टी के मूल दस्तावेज रजिस्ट्री के नहीं रखे गए हैं। वसीयत, रजिस्ट्री ऑफिस से समस्त वैधानिक प्रक्रिया अख्तियार करने के उपरांत बैंक ने वसीयत के आधार पर लोन सैंक्शन किया था। यदि किसी के हिस्से में किसी ने कब्जा कर लिया हो तो इस विवाद का निपटारा लेखपाल पटवारी व न्यायालय कर सकता है बैंक का इसमें कोई रोल नहीं है।बैंक ने लोन देने में फ्रॉड गिरी किया है, यह आरोप सरासर गलत है ।इसको खारिज करते हुए बैंक प्रबंधक ने बताया कि फ्रॉड तब होता जब कन्हैयालाल के हस्ताक्षर कोई और करता कन्हैया लाल के नाम से किसी ने भी लोन लेते वह देते वक्त किसी प्रकार का हस्ताक्षर नहीं किया है।