
हिंदुस्तान के उत्तर प्रदेश के रहने वाले मिर्जापुर के लोगों ने रेल मंत्री से कहा कि ट्रेन की सुविधा भले श्रेष्ठतम की तरफ अग्रसारित है लेकिन एक से बढ़कर एक संपन्न रईस सामान्य वीआईपी लोग जब ट्रेन का सफर करते हैं तो उनको अच्छी चाय नसीब क्यों नहीं होती ?जानकारों की माने तो ट्रेन में आप चाय बनाने का उपकरण भी नहीं ले जा सकते ऐसे में
यात्रियों के द्वारा उचित एवं उपयुक्त धनराशि देने के बावजूद भी अच्छी चाय के नाम पर घटिया गर्म पानी और चीनी क्यों पकड़ा दिया जाता है लिखे पत्र में रेल मंत्री का ध्यान इस तरफ आकर्षित करने का आग्रह किया गया है ।कहा गया है कि मुफ्त में भी चाय अगर मिले तो यह वर्तमान समय
में मिलने वाला चाय लोगों को मंजूर नहीं होगा जो भी वेंडर चाय सप्लाई करते हैं उनके ऊपर निगरानी की जाए नियमावली निर्धारित की जाए ताकि चाय की चुस्की का स्वाद लोगों का बरकरार रहे। चाय पीने वालों का मानना है कि
बड़े से बड़े तनाव और लंबी से लंबी सफर को चाय की चुस्की से हल्का किया जा सकता है और ऐसे में जब चाय फुस्स निकल जाए तो तनाव और थकावट में कोई कमी नहीं आती।