मड़िहान
छः माह से चक्कर काट रहा दलित परिवार अब खुले आसमान के नीचे गुजरबसर करने को विवश है
अमोई गांव निवासी महेश ने समाधानदिवस पर जिलाधिकारी को दिए गए प्रार्थनापत्र में गांव के दबंगो पर आरोप लगाया है कि नवीनपरती में आवास निर्माण रोका जा रहा है।जब कि उस जमीन पर पुश्तैनी घर बना हुआ था।आवास का निर्माण कराने के लिए वह पुराना कच्चा मकान गिरवा दिया।अब उसका पूरा परिवार खुले आसमान के नीचे गुजर बसर करने के लिए बिबश है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ग्रामप्रधान ने आवास पात्र लाभार्थीयों को आवास दिला दिया।किन्तु दबंग रोड़ा बने हुए हैं।राजनैतिक दबाव के चलते पुलिस व् तहसीलप्रशासन न्याय दिलाने से कन्नी काट रहा है।छः महीने से गरीब परिवार अधिकारीयों की चौखट पर चक्कर लगा रहा है।महेश ने बताया कि तहसील कर्मचारियों की मिली भगत से एक व्यक्ति फर्जी पट्टा का अभिलेख तैयार कर खतौनी में नाम दर्ज करा लिया था।सार्वजनिक जमीन की पोल खुलने से पहले दूसरे व्यक्ति को बेच दिया।नकल मांगने पर तहसील से जानकारी मिली कि उस जमीन की पट्टापत्रावली ही नही है।यह तो उदाहरण है, तहसील में इस तरह के अनगिनत फर्जीवाड़ा किया गया है।छानबीन हो तो कई मामलों का खुलासा हो सकता है।
दबंगो के दावपेंच में रुका प्रधानमंत्री आवास का निर्माण-MIRZAPUR
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