वीरेंद्र गुप्ता 94 53 82 1310,
नमामि गंगे योजना हल्के में लेने की भूल कर रहे स्थानीय जिम्मेदार लोगों को शायद इसका अंदाजा नहीं है कि देश मां गंगा को विश्व का सर्वश्रेष्ठ लाभकारी नदी मान चुका है। मां गंगा की जीवनदायिनी रूप को हर कोई तवज्जो देता है ।लेकिन कुछ निजी स्वार्थ के चलते गंगा नदी में मल मूत्र गिराने को लेकर अभी भी संजीदगी नहीं दिखा रहे हैं गली निर्माण के जिम्मेदार लोग। ऐसा ही एक मामला मिर्जापुर शहर कोतवाली थाना क्षेत्र में पड़ने वाला वार्ड नंबर 28 बसनहीं बाजार इलाके के पुरानी बजाजी पक्का घाट में स्थित वीरेंद्र गुप्ता पत्रकार के मकान के पीछे पड़ने वाला चांड्सी की गली में नगर पालिका मिर्जापुर के द्वारा गली निर्माण का ठेका दिया गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कामचलाऊ काम करके हिसाब चुकता करना चाहते हैं कुछ लोग ।लेकिन शायद उनको यह नहीं पता है कि यह शहर है और शहर में शिक्षित लोगों की मौजूदगी है ।कोई भी शिक्षित नहीं चाहेगा कि उसके घर से निकली नाली गंगा नदी में जाकर मिले। लेकिन ठेकेदार वह अन्य जिम्मेदार लोगों का बार-बार लोगों से यह कहना की गली के पश्चिम से नाली का पानी को पूरब की तरफ लाना बड़ा बजट का काम है ।छोटी सी भूल की वजह से गंगा नदी अपवित्र हो, इसके लिए कितना बजट चाहिए यह सभी की जुबान पर पूछा जाने वाला बड़ा सवाल है।जिलाधिकारी मिर्जापुर सुशील कुमार पटेल निरंतर हर बैठक में गंगा की अविरलता उसकी शुद्धता कायम रखने के लिए कटिबद्ध रहते हैं ।हर संदर्भित बैठक में उनका स्पष्ट आदेश है कि गंगा नदी में किसी भी नाली या नाला को नहीं गिरने दिया जाए, तो ऐसे में बड़ा प्रश्न उठता है कि स्थानीय लोगों का तो अनसुनी किया जा सकता है लेकिन जिलाधिकारी की बातों का अनसुनी करने की हिम्मत लोग क्यों दिखाना चाहते है। कुछ लोग तो यहां तक कहते नजर आए कि भारतीय जनता पार्टी के लोग नगर पालिका में अध्यक्ष है लेकिन स्थानीय स्तर पर सभासद दूसरे दल के लिहाजा इसकी सजा तो स्थानीय लोगों को भुगतना ही पड़ेगा। तो वहीं स्थानीय निवासी कमल किशोर पांडे का कहना है कि चाहे कितना भी लिखा पढ़ी और मेहनत क्यों न करना पड़े हम क्षेत्र की नालियों को गंगा नदी में गिरने नहीं देंगे। कमल किशोर पांडे कहते हैं की स्थानीय निवासी किसी भी राजनीति का शिकार नहीं होना चाहते उन को जमीन पर नंबर एक का काम चाहिए क्योंकि योगी सरकार की यही मंशा है। इस क्षेत्र में कामचलाऊ काम करके लोगों की आंख में धूल नहीं झोंका जा सकता इस गली में गुणवत्ता पूर्ण काम होना चाहिए। स्थानीय लोग गुणवत्ता में समझौता बर्दाश्त नहीं करेंगे कई महीनों से गली को क्षत-विक्षत करके छोड़ दिए जाने से भी स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है।
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