समाचारपति के कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद हुई मौत के मामले में...

पति के कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद हुई मौत के मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी मिर्जापुर ने जारी किया बुलेटिन


मिर्जापुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने महिला के दावों को खारिज करते हुए प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि महिला के द्वारा लगाया जा रहा आरोप की उसके पति की मृत्यु कोरोना के वैक्सीन लगाने के 48 घंटे बाद टीके की वजह से मौत हो गई को खारिज करते हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट पेश किया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि थाना क्षेत्र लालगंज ग्राम बहुती के रहने वाले लालमणि पुत्र ननकू की मौत ब्रेन हेमरेज के कारण हुई है । लोगों का कहना है कि मौत का कारण कुछ भी रहा हो लेकिन ऐसे कौन से हालात थे कि मृतक लालमणि कोरॉना का इंजेक्शन लगाना पड़ा, जबकि मृतक की उम्र 60 साल नहीं थी ,उसकी पत्नी को कोरोना का टीका भी लगाया गया जब इन दोनों लोगों का किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी से होना नहीं पाया गया था तो इनको किस आधार पर कोरोना का टीका दिया गया जांच का मामला है ।कई ग्रामीणों ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में उसी को करोना का टीका लगाया जा रहा था जो 60 साल की उम्र पार कर चुका है 60 साल के कम उम्र के लोगों को कोरोना का वैक्सीन नहीं लगाया जा रहा था।उसी व्यक्ति को कोरोना का वैक्सीन लगाया जा रहा था जो 60 साल की उम्र पार कर चुका हो या उससे कम उम्र के लोगों को तभी करोना कि वैक्सीन लगाई जा रही थी जब वह किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा हो चाहे वह कार्डियोवैस्कुलर प्रॉब्लम से जूझ रहा हो या डायबिटिक पेशेंट रहा हो या अन्य जानलेवा बीमारी से ग्रसित रहा है।दांपत्य रिकॉर्ड गंभीर बीमारियों से होना नहीं पाया गया था तो बड़ा सवाल है कि क्या वैक्सीन लगाने में लापरवाही बढ़ती जा रही है ?फिलहाल बहुती निवासी लालमणि की मौत कई अनसुलझे सवाल खड़े कर दिए जिसका जवाब जिला प्रशासन को देना चाहिए। जिला अस्पताल में मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया था कि 15 मार्च को बहुतती के प्राइमरी चिकित्सालय में उसको और उसके पति को कोरोनावायरस से बचने के लिए टीका लगाया गया था ।टीका लगाने के ठीक बाद उसके पति की तबीयत खराब होने लगी और दिनांक 17 तारीख को उसने प्राण त्याग दिए। यह बताना आवश्यक है कि कई करोड़ लोगों को लग चुका टीका के बाद लोगों का उत्साह टीका के प्रति देखने को मिला था मिर्जापुर में पहली घटित इस घटना ने अभी भी टीका के प्रति लोगों का रुझान कहीं से कम नहीं किया है ।लोगों का टीका के प्रति पूरा आस्था और विश्वास देखने को मिल रहा है ।जिला प्रशासन ने जारी बुलेटिन में साफ तौर पर कह दिया है कि महिला के पति की मौत टीका लगाने के वजह से नहीं बल्कि ब्रेन हेमरेज की वजह से हुआ है, जिससे महिला के द्वारा लगाए जा रहे आरोप पर ब्रेक लग गया है। लेकिन इस घटना के बाद टीका लगाने के तौर-तरीके पर बड़ा प्रश्न चिन्ह जरूर खड़ा हो चुका है जिसकी जांच कराने की मांग कई संगठनों ने की है।

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