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दुर्घटनाग्रस्त होने पर लोग शूटिंग करने में लग जाते जो अमानवीय आचरण है -MIRZAPUR

मिर्जापुर में जीआईसी मोहरिया में परिवहन विभाग के द्वारा बच्चों के बीच भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस प्रतियोगिता के माध्यम से आम जनमानस में यातायात के नियमों के पालन करने का लाभ, यातायात के नियमों के उल्लंघन से होने वाली क्षति की जानकारी उपलब्ध कराने की मंशा थी ।शासन स्तर से निर्धारित कार्यक्रम के तहत दिनांक 5 दिसंबर 2018 को मंडल स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय ,तृतीय स्थान पाने वालों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मिर्जापुर मंडलायुक्त मुरली मनोहर लाल ने यातायात के नियमों के पालन पर जोर डाला ।साथ ही साथ विजयी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत कर सम्मानित किया। प्रथम स्थान सागर पांडे ओबरा के खाते में गया, द्वितीय स्थान भदोही की मीनाक्षी मिश्रा को मिला व तृतीय स्थान राबर्ट्सगंज की रहने वाली अनन्या ने प्राप्त किया। भदोही मिर्जापुर और सोनभद्र के छात्र-छात्राओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया था। मंडल स्तर की प्रतियोगिता में भी मिर्जापुर प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान में नहीं आ पाया। प्रथम स्थान प्राप्त करने वालों को 31 हजार, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले को 21000 और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले को 11000 का चेक से परिवहन विभाग के द्वारा एक अन्य कार्यक्रम आयोजित कर उसमें दिए जाने की घोषणा की गई ।कार्यक्रम में ओपी सिंह परिवहन विभाग से मौजूद रहे हैं ।उन्होंने मुरली मनोहर लाल का माल्यार्पण कर व बैच लगाकर स्वागत किया। अपने भाषण के दौरान मुरली मनोहर लाल ने बताया कि पहले और अब के समय में अंतर आ गया है। पहले दुर्घटना घटित हो जाने के पश्चात लोग पुलिस और कानून से बचने के डर से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को अस्पताल और पुलिस स्टेशन ले जाने में हिचकते थे ,लेकिन अब समय की मांग के अनुसार देश की सरकारें, अदालतों ने इस पर नरम रुख अख्तियार करते हुए तमाम उन नियमों से मुक्त कर दिया है ।यदि किसी व्यक्ति को सड़क पर कोई व्यक्ति दुर्घटनाग्रस्त दिखाई देता है तो उसका पहले मानवीय कर्तव्य बनता है कि वह उसको नजदीक के अस्पताल में पहुंचाएं जिससे उसकी जान बचाई जा सके। नजदीक के अस्पताल में पहुंचाने में देरी बिल्कुल नही करनी चाहिए। चूकी एक्सीडेंट के बाद का समय बहुत ही कीमती होता है ।सही समय पर अस्पताल पहुंचा दिए जाने से व्यक्ति की जान बचा सकते हैं । इस कार्रवाई में पुलिस और कानूनी अड़चनें नहीं आएंगी। मदद के भाव से किए गए कार्य का प्रतिफल सदैव अच्छा होता है साथ ही साथ अपने भाषण संबोधन में कहा कि आज दुर्घटनाग्रस्त होने पर प्राय देखने को मिलता है कि लोग वीडियो बनाने और मोबाइल से शूटिंग करने में लग जाते हैं। जो आम आदमी है हम सबको संपूर्ण समाज को इस पर विचार करना चाहिए ।दुर्घटना किसी के भी साथ हो सकती है ।मानवी पहल को ध्यान में रखते हुए वीडियो बनाने से अच्छा है कि उसके उपचार के लिए हरसंभव देखने वाले को मदद करना चाहिए ।इसी तरीके से हेलमेट पहनने पर, गाड़ी में सीट बेल्ट का प्रयोग करने पर, आरटीओ ऑफिसर ने बल दिया है ताकि यह समस्त चीजें कानून या चालान से बचने के लिए प्रयोग किया जाए यह सोचने से अच्छा है कि जीवन को सुरक्षित रखने के लिए इन चीजों की आवश्यकता है। यह महत्वपूर्ण है हमें इस पर अमल करना चाहिए। भाषण कराने के पीछे व निबंध प्रतियोगिता आयोजन के पीछे का मकसद यही है कि हर एक छात्र यदि अभी से ही यातायात के नियमों के पालन व उसके उल्लंघन की जानकारी रखेगा तो एक छात्र अपने आसपास के समाज परिवार घर को भी जागरूक करेगा ।छात्रों को यातायात के नियमों का ब्रांड अंबेस्टर के रूप में तैयार किया जाएगा ।इनको जिला स्तर के बाद मंडलीय स्तर प्रतियोगिता के उपरांत राज्य स्तर पर भेजा जाएगा ।जिससे दूर-दूर तक प्रचार-प्रसार हो। यातायात के नियमों का पालन हो ।उसके अनुसरण करने के लिए लोग स्मरण रखें। जिससे होने वाली दुर्घटना पर अंकुश लगाई जा सके ।सड़क हम सब के लिए सुगम रास्ता प्रदान करने के लिए है ।यदि लापरवाही सड़क पर बढ़ती जाती है तो यही सड़क जानलेवा साबित होती है। जिसमें अपनी ही क्षति होती है ।इसलिए सड़क पर चलते वक्त मोबाइल का प्रयोग कतई ना करें, अल्कोहल का प्रयोग बिल्कुल न करें जैसे तमाम चीजों को इस कार्यक्रम के दौरान साझा किया गया।

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