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पुलिस है जब चेतती है तो अपराधियो को चिता दिखाई देने लगता है-MIRZAPUR

तस्कर व माफियाओ के होश फाख्ता |जी हां मिर्ज़ापुर में कप्तान सॅभाले हुए है आशीष तिवारी जब काम सुरु करते है तो फिर कोइ रियायत नहीं |अपराधीयो के ऊपर पिछले कुछ दिनों से कहर बन कर बरस रहे है ,मिर्ज़ापुर पुलिस कप्तान| उसी का नतीजा है की आज भारी मात्रा में गांजा बरामद हुआ और बड़े ही नायाब तरीके से वार्ना इसको पकड़ना सरल नहीं था लेकिन साहब ये मिर्ज़ापुर की पुलिस है जब चेतती है तो अपराधियो को चिता दिखाई देने लगता है |
(अहरौरा)। सोनभद्र की ओर से आ रही कन्ट्रेनर ट्रक आर जे 14 जी डी 3186 को अहरौरा पुलिस और एस टी एफ वाराणसी की टीम ने शक बाबत अहरौरा थाना अन्तर्गत लिखनियांदरी मोड पर रोका। बंद कन्ट्रेनर ट्रक पर डाक विभाग लिखा था। पीछे का हिस्सा खोला गया तो ट्रक खाली थी। ड्राइवर से पूछताछ की गई तो खाली ट्रक को आन्ध्र प्रदेश से लाना बताया। पुलिस का माथा ठनका कि इतनी दूर से खाली ट्रक लाने का मतलब क्या है? फिर पुलिस ने दुबारा अपने हिसाब से तलाशी ली तो केबिन में बंद दरवाजे जैसा दिखा। पुलिस ने दबाव बना कर ड्राइवर से पूछा तो दूसरा दरवाजा दूसरी ओर दिखा। अन्दर दरवाजे में देखा गया तो कई पैकेट अस्सी सेंटीमीटर बाई पच्चास सेंटीमीटर दिखाई दिया। उसको फाड़कर जांच की गई तो उसमें नशीला पदार्थ गांजा निकला। पैकटो की संख्या पूरे अस्सी थी। सभी पैकटो की अहरौरा थाने में तौल हुई तो सभी का वजन दस किलो से कुछ अधिक थी। कुल मिलाकर आठ कुन्तल गांजा थी। जिसकी कीमत राष्ट्रीय बाजार में किमत सत्तर लाख रुपये के लगभग है। गाड़ी में दो चालक थे जो बारी बारी गाड़ी चलाते थे। पहला वृजेश कुमार सिंह पुत्र नाहर सिंह नगला थाना बिछुआ जनपद मैनपुरी और दूसरा मलखान सिंह पुत्र फूलन सिंह दुलापुर जनपद मैनपुरी था। गाड़ी मालिक भी मलखान सिंह है लेकिन गाड़ी पर राजस्थान का नम्बर है तथा परमिट नेशनल है। अहरौरा थाना प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह कां हरिहर सिंह, कां गोपाल जी यादव और एस टी एफ इंस्पेक्टर पुनित परिहार व उनकी टीम गांजा की इस खेप को पकड़ने में साथ-साथ रही।
सूत्रों के मुताबिक गांजा तस्करी का राष्ट्रीय स्तर पर खेल खेला जा रहा है। जिसमें भारत पाकिस्तान के सीमावर्ती प्रदेशों की ट्रके ज्यादा पायी जाती है। यह भी राजस्थान की ट्रक थी। खाली कन्ट्रेनरों, ट्रकों पर पुलिस की निगाहें कम पड़ती है और ट्रके एक राज्य से दूसरे राज्य तक आसानी से पहुंच जाती है। सरकारी कार्य, डाक कार्य, एम्बुलेंस लिखी गाड़ियां तस्करी के लिए मुफीद हो रही है। एस टी एफ की टीम ने एम्बुलेंस से भी अभी हाल ही में गांजा पकड़ा था। राजस्थान की गाड़ियों में नासिक का प्याज, एम्बुलेंस की गाड़ियों के पहिये का लोड बताना, तीन – चार प्रांतों की दूरी के खाली ट्रके शक पैदा करती ही है। यह ट्रक भी आन्ध्र प्रदेश से चली, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश होते हुए उत्तर प्रदेश आ गई थी। इसको गांजा राम नगर (वाराणसी) में डिलेवरी करना था लेकिन अहरौरा पुलिस की हाईटेक सोच और एस टी एफ की सटीक पूर्वानुमान समय पर काम आ गई और अपराधी पकड़े गए।
लोगों का कहना था कि छोटी मछली को अहरौरा पुलिस और एस टी एफ ने पकड़ लिया है। क्या बड़ी मछली भी हाथ में आयेगी क्योंकि जी पी आर एस सिस्टम लैस गाड़ियां हो गई है और आगे पीछे भी छोटी गाड़ियों से इनके संरक्षक साथ चलते हैं जो समय रहते ही बड़ी मछलियों को आगाह कर देते हैं ।

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